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Eid-Ul-Azha: ईद-उल-अजहा से जुड़े नमाज से कुर्बानी तक, सभी सवालों के यहां मिलेंगे जवाब, जानें क्या है हिदायत

Eid-ul-Azha: ईद-उल-अजहा इस साल 17 जून को मनाया जाएगा. दारुल उलूम निजामिया फरंगी महल ने इस संबंध में साफ कहा कि नमाज के पहले कोई कुर्बानी नहीं दे सकते.

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Padma Shree Shubham|Updated: Jun 16, 2024, 01:26 PM IST

Eid-Ul-Azha 2024: दारुल उलूम निजामिया फरंगी महल की ईद-उल-अजहा हेल्पलाइन के माध्याम से शनिवार को अपनी आशंकाओं को मुसलमानों ने दूर किया. हेल्पलाइन पर कई तरह के सवाल पूछे गए जैसे कि कोई शख्स ईद-उल-अजहा की नमाज से पहले अगर कुर्बानी करें तो क्या होगा? दारुल उलूम निजामिया फरंगी महल के अध्यक्ष है मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली जिनकी अध्यक्षता में सवालों के जवाब उलमा के पैनल द्वारा दिए गए. उलमा ने जानकारी दी कि दूसरा जानवर लेकर फिर कुर्बानी करनी होगी.

हेल्पलाइन पर सवाल
हेल्पलाइन पर ये भी सवाल आया कि जिस शख्स पर कुर्बानी वाजिब नहीं वह बाल और नाखून न काटे तो क्या उसे सवाब मिलेगा? उलमा ने बताया कि- नहीं, यह सिर्फ कुर्बानी करने वालों के लिए खास है. इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन और ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की ओर से ईद उल अजहा के सिलसिले में मुसलमानों से एडवाइजरी जारी कर कहा गया कि जिन जानवारों पर किसी तरह की कानूनी पाबंदी नही है उन्हीं जानवरों की कुर्बानी हमेशा की तरह की जाए. मौलाना ने ये भी कहा कि कुर्बानी के समय सोशल मीडिया पर फोटो व वीडियो अपलोड न की जाए. मौलाना की ओर से इस बारे में अपील की गई. 

इन नंबरों पर पूछ सकते हैं सवाल
कुर्बानी हेल्पलाइन के फोन नंबरों के साथ ही वेबसाइट के माध्यम से कुर्बानी, हज, उमरा के साथ ही इबादत संबंधी अन्य सवाल 19 जून तक दोपहर के 2 बजे से शाम 4 बजे तक पूछे जा सकते हैं.
फोन नंबर है- 
9335929670, 7007705774
9415102947, 9140427677
वेबसाइट- www.farangimahal.in 
ई-मेल, ई-मेल, imamkrasheed@gmail.com

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कुर्बानी करना कोई रस्म नहीं
मौलाना खालिद रशीद ने आगे जानकारी में कहा कि कुर्बानी करना कोई रस्म नहीं, ये तो खुदा पाक की पसंदीदा इबादत है. उन्होंने आगे कई हिदायतें दी, कहा- 
ईदगाहों और मस्जिदों के अंदर ही ईद-उल-अजहा की नमाज अदा की जाए. 
सड़कों पर न नमाज अदा की जाए. 
उन्होंने कहा कि खुली जगह या सड़क के किनारे, सार्वजनिक स्थानों और गली पर कुर्बानी न करें. 
नगर निगम के कूड़ेदानों में ही जानवरों की गंदगी को डाले. 
कुर्बानी के जानवरों के खून को नालियों में नही बहाएं. 
खुदा की राह में जानवर की खालें सदका करें. 
गरीबों में गोश्त का एक तिहाई हिस्सा बांट दें.

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