UP News: उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूरों को पंजाब के गांवों में रहने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. गांवों में बाहरी राज्यों से आने वाले मजदूरों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. मोहाली जिले के कुराली गांव में रहने वालों के प्रवेश पर रोक लगाने के बाद अब खरड़ के जंडपुर गांव में भी बोर्ड लगाया गया है, जहां लोगों को रात 9 बजे के बाद अपने गांव में घूमने पर प्रतिबंध लगाया गया है. आपको बता दें कि 2,000 लोग मोहाली जिले के खरड़ गांव में रहते हैं. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि गांव में रहने के लिए प्रवासियों को कुछ नियमों का पालन करना होगा.
स्थानीय लोगों से परेशानी
गांव में लगे कई बोर्डों पर सख्त निर्देश लिखे गए हैं. गांव द्वारा लिखे गए इन निर्देशों के बाद बहुत से लोग गांव छोड़कर चले गए हैं. कुछ मजदूर गांव छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं. अब उन्हें मोहाली के गांवों में रहने में स्थानीय लोगों से परेशानी हो रही है. निर्देशों में लिखा है कि प्रवासियों को खरड़ गांव में रात 9 बजे के बाद बाहर नहीं निकलना चाहिए. इसके अलावा, पुलिस सत्यापन अनिवार्य है. गांव में सिगरेट पीने, गुटका और पान खाने और सड़कों पर थूकने पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसमें मकान मालिकों द्वारा प्रवासियों को कूड़ेदान देना भी शामिल है.
एक कमरे में 2 लोग रहेंगे
प्रवासियों के लिए गांव की ओर से जारी किए गए नियमों में एक कमरे में दो से ज्यादा लोगों के रहने और आधे कपड़े पहनकर घूमने पर रोक लगाई गया है. साथ ही कहा गया है कि मकान मालिक जिम्मेदार होगा अगर कोई प्रवासी अवैध काम करता है या ग्रामीणों को नुकसान पहुंचाते है. ग्रामीणों ने यूपी-बिहार के मजदूरों के लिए जारी किए गए आदेश को लेकर आरोप लगाया कि प्रवासी अर्धनग्न होकर गांव में घूमते हैं. महिलाओं को इससे शर्म आती है. गांव के गुरुद्वारे के बाहर, खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार से आने वाले प्रवासी श्रमिकों ने सड़कों पर थूकना उनके गुरू जी का अपमान है. यही वजह है कि यूपी-बिहार के मजदूरों के लिए कुछ दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. इन प्रवासियों को इन नियमों को मानना होगा अगर वे यहां रहना चाहते हैं.
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