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प्रेमानंद महाराज की तबीयत ठीक, जानें वृंदावन वाले संत की हेल्थ अपडेट

Premanand Maharaj health News:  शुक्रवार शाम श्रीराधारानी की संध्या आरती में प्रेमानंद जी महाराज भी शामिल थे. बताया गया कि तभी उन्हें सीने में दर्द की शिकायत हुई. इसके बाद भी वे आरती में लीन रहे. कुछ ही देर में उनका पूरा शरीर पसीने में भीग गया.

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Premanand Maharaj
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Amitesh Pandey |Updated: Apr 14, 2024, 03:44 PM IST

Premanand Maharaj health News: प्रेमानंद जी महाराज की तबीयत फ‍िलहाल ठीक है. वह डॉक्‍टरों की निगरानी में हैं. प्रेमानंद जी महाराज का हाल जानने के लिए बड़ी संख्‍या में भक्‍त आश्रम पहुंच रहे हैं. बता दें कि शुक्रवार रात को वृंदावन वाले प्रेमानंद जी महाराज के सीने में दर्द होने के बाद उन्‍हें अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था. इसके बाद उन्‍हें डिस्‍चार्ज कर दिया गया था. 

संध्‍या आरती के दौरान खराब हुई थी तबीयत 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार शाम श्रीराधारानी की संध्या आरती में प्रेमानंद जी महाराज भी शामिल थे. बताया गया कि तभी उन्हें सीने में दर्द की शिकायत हुई. इसके बाद भी वे आरती में लीन रहे. कुछ ही देर में उनका पूरा शरीर पसीने में भीग गया. दर्द बढ़ता चला गया. शिष्यों ने उनकी हालत देखकर फौरन उन्हें वृंदावन के राम कृष्ण सेवा आश्रम अस्पताल में भर्ती करवाया. यहां कई जांच किए गए इसके बाद उन्‍हें आश्रम भेज दिया गया था.  

किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं संत प्रेमानंद
संत प्रेमानंद किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं और उनकी डायलेसिस भी होती है. बता दें कि प्रेमानंद  महाराज पिछले 17 सालों से किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं. उनका नियमित डायलिसिस किया जाता है. इस वजह से अक्‍सर उनके स्‍वास्‍थ्‍य बिगड़ने की खबरें आती रहती हैं. इससे पहले जनवरी महीने में प्रेमानंद जी महाराज की सेहत खराब होने की खबरें आई थीं.

2 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हैं  
प्रेमानंद जी महाराज रात्रि करीब ढाई बजे ही छटीकरा रोड पर मौजूद श्रीकृष्‍ण शरणम सोसायटी से रमणरेती अपने आश्रम श्री हित केलि कुंज पैदल ही जाते हैं. इस दौरान प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए सड़क के दोनों तरफ बड़ी संख्‍या में भक्‍त खड़े रहते हैं. प्रेमानंद जी महाराज करीब 2 किलोमीटर तक पैदल चलते हैं. प्रेमानंद जी महाराज जिस मार्ग से जाते हैं लोग फूल बिछाते हैं. रंगोलियां बनाते हैं और संत के चरणों की रज या फूल माथे से लगाते हैं. उनके एक मात्र दर्शन भर के लिए भक्‍त कई बार पूरी रात खड़े रहते हैं. 

 

 

 

 

 

 

 

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