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Top10 Famous Church : यूपी-उत्‍तराखंड के इन मशहूर चर्च को देखने विदेश से भी आते हैं पर्यटक, क्रिसमस डे पर लगता है जमावड़ा, जानें मान्यता

इन चर्च में बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है क्रिसमस डे का जश्न. क्रिसमस के दिन आप भी एक बार इन चर्च में जरूर आएं.    

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Christmas celebration 2023:
Christmas celebration 2023:

Christmas celebration 2023: भारत पूरे विश्व में एकमात्र ऐसा देश है, जो अपने अंदर अलग-अलग भाषाओं और रीति-रिवाजों को शामिल किया हुआ है. भारतवर्ष में एक से बढ़कर एक धार्मिक स्थल है. फिर चाहे वह हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध मंदिर हो, मुस्लिम धर्म की विश्व विख्यात जामा मस्जिद हमें सिख धर्म के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल स्वर्णमन्दिर हो या फिर चर्च हो. ऐसे में हम आज जानेंगे उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड के मशहूर चर्च के बारे में. 

 

 

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सेंट थॉमस चर्च
सेंट थॉमस चर्च

सेंट थॉमस चर्च को देहरादून के सबसे पुराने चर्चों में से एक माना जाता है. 1840 में यह स्थापित हुआ था. रविवार को यहां बहुत भीड़ होती है. क्रिसमस के दिन यहां धूम-धाम से जश्न मनाया जाता है. दूर-दूर से लोग यहां अपना क्रिसमस मनाने आते है. 

 

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सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी कैथोलिक चर्च
सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी कैथोलिक चर्च

देहरादून के सबसे दिव्य चर्चों में से एक सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी कैथोलिक चर्च है. चर्च बेहद सुंदरऔर आकर्षक दिखता है. परेड ग्राउंड पर स्थित, सेंट फ्रांसिस चर्च 115 साल पुराना है. यदि आप इतिहास और कला से प्यार करते हैं,तो क्रिसमस के दिन यहां जरूर जाना चाहिए.  क्रिसमस के दिन यहां कई प्रकार के कार्यक्रम होते हैं.

 

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विश्वासियों पूर्वी चर्च
विश्वासियों पूर्वी चर्च

मुख्य शहर के बाहरी इलाके में स्थित, बिलीवर्स ईस्टर्न चर्च देहरादून में एक ऑर्थोडॉक्स चर्च है. वर्तमान में चर्च में 22 बिशप हैं. क्रिसमस के दिन यहां धूम-धाम से जश्न मनाया जाता है. हजारों लोग क्रिसमस  के दिन यहां घूमने आते हैं. 

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लखनऊ का सेंट जोसेफ कैथेड्रल चर्च
लखनऊ का सेंट जोसेफ कैथेड्रल चर्च

सेंट जोसेफ कैपेडूत चर्च तखनऊ का सबसे बड़ा चर्च है. इस चर्च की स्थापना सन 1860 में हुई थी. इस चर्च में पहली प्रार्थना सभा में मात्र दो सौ लोग शामिल हुए थे. लेकिन अब इस चर्च में सभी धर्मों के लोग शामिल होते हैं. 25 दिसंबर के दिन अधिक भीड़ होती है. 24 दिसंबर की शाम से ही इस चर्च की ओर जाने वाले पूरे रास्ते को यातायात पुलिस की ओर से बंद कर दिया जाता है. क्रिसमस के दिन यहां धूम-धाम से जश्न मनाया जाता है

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कानपुर का एलएलजेएम मेथाडिस्ट चर्च
कानपुर का एलएलजेएम मेथाडिस्ट चर्च

कानपुर के एलएलजेएम मेधाडिस्ट चर्च के बारे में बताया जाता है, कि यह चर्च आज से 104 वर्ष पुराना है. इसका निर्माण अमेरिकी मूल की निवासी लॉरा जॉनसन ने कराया था. जो कि दिव्यांग थी. एलएलजेएम मेधाडिस्ट चर्च में क्रिसमस डे के दिन दूर-दूर से लोग आते है. 

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सेंट मेरीज चर्च वाराणसी
सेंट मेरीज चर्च वाराणसी

वाराणसी के छावनी इलाके में स्थित सेंट मेरीज महागिरजाघर करीब दो सो साल पुराना है. पूरे पूर्वांचल का यह पहला ऐसा चर्च है जिसकी दीवारों पर गीता के श्लोक लिखे हैं. इस चर्च की सबसे बड़ी खासियत यह है, कि इसकी बाहरी दीवारों पर ईसा मसीह के संदेश लिखे हैं. क्रिसमस पर यहां तीन दिनों तक मेले का आयोजन होता है.भव्य मेले के बहाने सभी धर्म के लोग यहां इकट्ठा होते है. जश्न का आनंद लेते हैं.

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आगरा का अकवरी चर्च
आगरा का अकवरी चर्च

आगरा का सबसे ऐतिहासिक और पुराना चर्च अकबरी चर्च है. यह आगरा का ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर भारत का पहला चर्च माना जाता है. इसकी मान्यता देश-भर में है. क्रिसमस के दिन यहां धूम-धाम से जश्न मनाया जाता है. 

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बरेली का सेंट स्टीफन चर्च
बरेली का सेंट स्टीफन चर्च

केंट स्थित सेंट स्टीफन चर्च इंडो-गांधिक शेती की मिसाल है. इस चर्च की खासियत इसकी दीवार है. प्राचीन चर्च को इंग्लैंड के आर्किटेक्ट ने भारतीय स्थापत्य और गॉधिक शेती के संगम से बनाया था. यही वजह है कि आज भी लोग इस चर्च को देखने पहुंचते हैं.  इस चर्च की दीवारें पांच फीट मोटी है. क्रिसमस के दिन यहां जरूर जाना चाहिए. 

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मॉरिसन मेमोरियल चर्च
मॉरिसन मेमोरियल चर्च

देहरादून के सबसे खूबसूरत चर्चों में से एक मॉरिसन मेमोरियल चर्च है. यह इमारत बेहद खूबसूरत है. कहा जाता है, यह चर्च अंग्रेजी और हिंदी में प्रार्थना सेवाएं प्रदान करने वाला,पहला चर्च है. मॉरिसन मेमोरियल चर्च पूजा करने के लिए एक लोकप्रिय स्थान माना जाता है. ईसाइयों और गैर-ईसाइयों का यह चर्च खुले दिल से स्वागत करता है.

 





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