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IPS Vaibhav Krishna: कौन हैं आईपीएस वैभव कृष्ण? जिन्होंने फिल्मी स्टाइल में बलिया के करोड़ों की वसूली रैकेट का किया भंडाफोड़

बलिया में छापेमारी कर अवैध वसूली करने के वाले पुलिस कर्मियों को आजमगढ़ रेंज के डीआईजी आईपीएस वैभव कृष्ण ने रंगे हाथों पकड़ा है. कार्रवाई करते हुए उन्होंने 18 पुलिस कर्मियों को निलंबित किया है.

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IPS Vaibhav Krishna: बलिया के भरौली पोस्ट पर छापेमारी को लेकर यूपी आजमगढ़ रेंज के डीआईजी आईपीएस वैभव कृष्ण फिर सुर्खियों में हैं. उन्होंने वाराणसी जोन के एडीजी आईपीएस पीयूष मोर्डिया के साथ मिलकर छापेमार कार्रवाई की. इस दौरान उन्होंने अवैध वसूली करते हुए 3 पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार किया. इस मामले में बलिया के नरही थाना प्रथारी को निलंबित कर दिया गया है और उन पर FIR दर्ज की गई है. आइए जानते हैं कि वैभव कृष्ण किस बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उन्होंने कहां तक पढ़ाई की है और ये कब चर्चाओं में आए थे?

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कौन हैं IPS वैभव कृष्ण?
कौन हैं IPS वैभव कृष्ण?

वैभव कृष्ण 2010 बैच यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. वह यूपी के बागपत जिले के रहने वाले हैं. उनके पिता का नाम डॉ. केके शर्मा है. उन्होंने आईआईटी रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग से बीटेक की पढ़ाई की है.

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बेहद सख्त हैं वैभव कृष्ण
बेहद सख्त हैं वैभव कृष्ण

पहले गौतमबुद्ध नगर जिले में आईपीएस वैभव कृष्ण की नियुक्ति थी. उन्हें एसएसपी के पद पर तैनात किया गया था. उस समय भी वह कानून व्यवस्था का जायजा लेने के लिए रात में अचानक से सड़कों पर निकल पड़ते थे और सुरक्षा व्यवस्था में कमी पाए जाने पर वह संबंधित पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई भी करते थे.

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क्यों हुआ था एक्शन?
क्यों हुआ था एक्शन?

लगातार बलिया के नरही थाना पर भष्ट्राचार के आरोप लग रहे थे. थाने के पुलिस कर्मियों पर अवैध वसूली के आरोप लगे थे. जिसके बाद आजमगढ़ रेंज के डीआईजी और वाराणसी जोन के एडीजी ने संयुक्त रूप से छापेमारी की और पुलिस कर्मियों को ट्रकों से अवैध वसूली करते हुए रंगे हाथों पकड़ा.

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कुल 18 पुलिसकर्मी निलंबित
कुल 18 पुलिसकर्मी निलंबित

आजमगढ़ रेंज के डीआईजी और वाराणसी जोन के एडीजी की संयुक्त छापेमारी में तीन पुलिस कर्मियों समेत कुल 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं अवैध वसूली करने के मामले में कुल 18 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.

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पहले प्रयास में बने IPS
पहले प्रयास में बने IPS

बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वैभव कृष्ण ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की थी. 2009 में उन्होंने पहली बार यूपीएससी सीएसई की परीक्षा दी और एग्जाम क्रैक किया. उन्होंने आल इंडिया 86वीं रैंक हासिल की और आईपीएस बने.

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पहले भी चर्चा में रहे
पहले भी चर्चा में रहे

गौतमबुद्ध नगर में तैनाती के दौरान आईपीएस वैभव ने पूर्व एसएससी अजयपाल शर्मा पर ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर संगीन आरोप लगाए थे. जिनपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, उनमें अजय पाल शर्मा, हिमांशु कुमार, सुधीर सिंह, गणेश साहा और राजीव नारायण मिश्रा का नाम शामिल था.

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आईपीएस वैभव पर एक्शन
आईपीएस वैभव पर एक्शन

एक गोपनीय रिपोर्ट लीक होने और एक अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद आईपीएस वैभव को निलंबित किया गया था. रिपोर्ट में आरोपों से संबंधित साक्ष्य भी उपलब्ध कराए गए थे.

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14 महीने बाद फिर बहाल
14 महीने बाद फिर बहाल

आईपीएस वैभव को 14 महीने बाद 5 मार्च 2021 को लंबे इंतजार के बाद फिर से बहाल किया गया था. वैभव कृष्ण को 9 जनवरी को 2020 को शासन ने एक गोपनीय रिपोर्ट लीक होने के आरोप में सस्पेंड किया गया था.

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कई आरोप सही मिले
कई आरोप सही मिले

गोपनीय रिपोर्ट में आईपीएस लॉबी में भी घमासान मच गया था. बाद में इस रिपोर्ट की जांच हुई तो कुछ आरोपों को सही पाया गया. मामले में दो आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज हुए. ये मुकदमे मेरठ और लखनऊ में अधिकारियों की ओर से दर्ज कराए गए थे.





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