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Adi Kailash Yatra: आदि कैलाश व ओम पर्वत यात्रा का आगाज, पहले जत्थे को किया गया रवाना

Adi Kailash and Om Parvat Yatra 2024: आदि कैलाश और ओम पर्वत के श्रद्धेय पर्वत उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में भारत-चीन सीमा पर स्थित हैं. दोनों चोटियां भगवान शिव के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व रखती हैं.

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Padma Shree Shubham|Updated: May 13, 2024, 10:53 AM IST

Adi Kailash and Om Parvat Yatra 2024: आदि कैलाश व ओम पर्वत की यात्रा के लिए सोमवार की सुबह ही पहले जत्थे को रवाना कर दिया गया. कुमाऊं मंडल विकास निगम (KMVN) की ओर से इस यात्रा को संचालित किया जा रहा है. आदि कैलाश व ओम पर्वत के लिए सुबह आठ बजे टीआरएच काठगोदाम से पहला जत्थे को पिथौरागढ़ के लिए रवाना कर दिया गया. 

पौधा रोपण करेंगे श्रद्धालु
पहले जत्थे में यात्रियों की संख्या की बात करें तो इसमें 32 पुरुष और 17 महिलाओं समेत कुल 49 यात्री हैं. आदि कैलाश के साथ ही ओम पर्वत के दर्शन के लिए यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं द्वारा भोजपत्र के पौधों का रोपण किया जाएगा. यहां पौधारोपण उच्च हिमालयी क्षेत्र ज्योलिंगकांग, कालापानी व नाभीढांग में किया जाएगा. पर्यटक आवास गृह के प्रबंधक दिनेश गुरुरानी के मुताबिक ओम पर्वत व आदि कैलाश की यात्रा पर निकले हर जत्थे के श्रद्धालुओं को पौधारोपण के लिए पौधे दिए जाएंगे. इसमें पांच भोजपत्र के पौधे और स्थानीय प्रजाति के पौधे लगाने के लिए श्रद्धालुओं को दिए जाएंगे.

यात्रियों की इस साल संख्या बढ़ी 
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में आदि कैलाश व ओम पर्वत के श्रद्धेय पर्वत भारत-चीन सीमा पर स्थित हैं. भगवान शिव के भक्तों के लिए ये दोनों ही चोटियां अति महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में महत्व रखती हैं. पिछले साल की अपेक्षा इन दोनों ही चोटियों के दर्शन के लिए यात्रा पर जाने का पंजीकरण करवाने वाले यात्रियों की इस साल संख्या ज्यादा है. 

आरामदायक होमस्टे भी उपलब्ध होंगे
व्यास घाटी जहां पर आदि कैलाश व ओम पर्वत है उस रास्ते में कई सुंदर गांव जैसे कि गुंजी, कुटी, नाभि भी हैं. साथ ही हरी-भरी व सुंदर घाटियां भी रास्ते में पड़ती है. इन गांवों में यात्रियों को आरामदायक होमस्टे भी उपलब्ध हो जाएंगे. यहां अक्सर टूरिस्ट ठहरते हैं. काठगोदाम या पंतनगर हवाई अड्डे से आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा प्रारंभ होकर पिथौरागढ़, धारचूला से होती हुई गुंजी तक पहुंचेगी. यहां से एक सड़क आदि कैलाश को जाती है तो दूसरी ओम पर्वत की ओर निकलती है. 

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