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नगर निगम, नगरपालिका चुनाव प्रचार खर्च की लिमिट देख लें वरना प्रत्याशियों की बढ़ेंगी मुश्किलें

UP Nagar Nikay Chunav 2023 : उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार खर्च की सीमा तय कर दी है. इसमें नगर निगम, नगरपालिका और नगर पंचायत के अध्यक्ष और पार्षदों का चुनाव प्रचार खर्च शामिल है.

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Nagar Nigam Election 2023 in UP
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Amrish Kumar Trivedi|Updated: Apr 06, 2023, 08:46 AM IST

उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में इस बार नगर निगम, नगरपालिका और नगर पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार पर खर्च की सीमा भी तय कर दी गई है. चुनाव प्रचार खर्च की ये सीमा वार्डों के हिसाब से अलग-अलग रखी गई है.  नगर निगमों में वार्डों की संख्या 80 से ज्यादा वहां के महापौर प्रत्याशी 40 लाख रुपये और 80 से कम वार्ड वाले निगमों में महापौर के उम्मीदवार अधिकतम 35 लाख रुपये खर्च कर सकेंगे.

पार्षद पद के प्रत्याशी तीन लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे. नगर पालिका परिषद के चेयरमैन पद के प्रत्याशी अधिकतम नौ लाख रुपये और सदस्य प्रत्याशी ढाई लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे. नगर पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी अधिकतम ढाई लाख रुपये तो सदस्य 50 हजार रुपये तक खर्च कर सकेंगे.

नगर निकाय चुनाव में नगर निगम से नगर पंचायतों के आरक्षण की सूची पहले ही जारी की जा चुकी है. ऐसे में प्रत्याशियों के टिकट पाने के लिए भागदौड़ पहले ही शुरू हो चुकी है. अब निर्वाचन आयोग किसी भी दिन तारीखों का ऐलान कर सकता है.

माना जा रहा है कि 8-9 अप्रैल को ये घोषणा हो सकती है. चुनाव तारीखों का ऐलान होते ही नगर निकायों में चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी. उस दिन के बाद से निर्वाचन आयोग पार्टी और प्रत्याशियों के चुनाव खर्च का हिसाब रखने लगेगा. चुनाव आयोग जिलावार पर्यवेक्षकों की तैनाती भी करेगा, जो सोशल मीडिया पर प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार खर्च पर नजर रखेंगे.

निर्वाचन आयोग की चुनाव प्रचार खर्च पर नजर किस कदर पैनी होगी, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वो चाय, समोसा या अन्य नाश्ते की रेट लिस्ट भी जारी करता है, ताकि प्रत्याशी बिल में हेरफेर न कर सकें. उन्हें नियमित तौर पर अपने चुनाव कार्यक्रमों की जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी को देनी होती है, ताकि रैली, रोडशो और चुनाव नुक्कड़ सभाओं पर नजर रखी जा सके.

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