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DP Yadav: पूर्व सपा जिलाध्यक्ष डीपी यादव ने की आत्महत्या, चुनाव के समय पद से हटाए गए थे

Moradabad News Today:  डीपी यादव ने अपने आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है. कुछ समय पहले ही उन्हें उनके पद से हटाया गया था. अचानक उठाए गए इस कदम से सभी कार्यकर्ता हैरान हैं.

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Preeti Chauhan|Updated: Jun 08, 2024, 11:54 AM IST

Moradabad News Today: यूपी के मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष डीपी यादव ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. अभी हाल ही में लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें जिलाध्यक्ष पद से हटाया गया था.  डीपी यादव ने मझोला थाना क्षेत्र में अपने बुद्धि विहार स्थित आवास पर सुसाइड किया है. इस खबर के बाद  मौके पर तमाम क्षेत्रवासी और सपा नेताओं की भीड़ लग गई है. उनका परिवार पहली मंजिल पर रहता है, जैसे ही परिवार को डीपी यादव के आत्महत्या की खबर मिली परिवार में कोहराम मच गया. सूचना पर फोरेंसिक टीम के साथ पुलिस के आला अधिकारी पहुंच गए. मौके से फोरेंसिक टीम साक्ष्य जुटा रही है. अभी आत्महत्या करने के कारणों का पता नहीं लगा है. पुलिस जांच में जुट गई है.  

लोगों की भारी भीड़ भी उनके आवास के बाहर जुटनी शुरू हो गई. जानकारी मिलते ही मौके पर सपा के कई नेता पहुंच गए हैं. अमरोहा नोगावा सादात विधायक चौधरी समरपाल सिंह, पूर्व राज्यसभा सांसद वीर सिंह सहित कई सपा नेता पूर्व जिला अध्यक्ष के घर पहुंचे हैं. पुलिस घर और आसपास लगे सीसीटीवी की फुटेज भी खगालेगी. अभी आशंका जताई जा रही है की गोली मारकर आत्महत्या की गई है.

अभी हाल ही में जिलाध्यक्ष पद से हटाए गए

डीपी यादव प्रोफेसर राम गोपाल यादव के करीबी रहे हैं. बता दें हाल ही में लोकसभा चुनाव के दौरान एस टी हसन के टिकट कटने के बाद नाराजगी सामने आने पर अखिलेश यादव ने डी पी यादव को जिलाध्यक्ष पद से था हटाया. मुरादाबाद के मझोला थाना क्षेत्र के बुद्धि विहार कॉलोनी में पूर्व सपा जिलाध्यक्ष डी पी यादव का आवास है. अपने आवास के ग्राउंड फ्लोर पर बने कमरे में लाइसेंसी रिवाल्वर से गले में गोली मारी है.

लोकसभा चुनाव के दौरान डा. एसटी हसन की जगह रुचि वीरा को उम्मीदवार बनाए जाने का डीपी यादव ने विरोध किया था और चुनाव प्रचार में भी शामिल नहीं हुए थे.  सपा प्रमुख अखिलेश यादव से इसकी शिकायत की गई तो उन्होंने डीपी यादव को जिलाध्यक्ष पद से हटा दिया. फिर से जयवीर सिंह को जिलाध्यक्ष बना दिया था. और तभी से वह राजनीतिक गतिविधियों से दूर चल रहे थे.

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