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सावन में बांके बिहारी मंदिर जाने वालों सावधान, पढ़ लें ये गाइडलाइन नहीं तो उल्टे पांव पड़ेगा लौटना

Banke Bihari Temple: अगर आप अगस्त यानी सावन के महीने में मथुरा के बांके बिहार मंदिर में दर्शन के लिए जाने की योजना बना रहे हैं तो आपको बता दें कि इन दिनों बहुत ज्यादा भीड़ होने की वजह से मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए नये दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

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सावन में बांके बिहारी मंदिर जाने वालों सावधान, पढ़ लें ये गाइडलाइन नहीं तो उल्टे पांव पड़ेगा लौटना
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Pradeep Kumar Raghav |Updated: Jul 30, 2024, 08:31 PM IST

Banke Bihari Temple: अगस्त यानी सावन के महीने में इस बार हरियाली तीज, रक्षाबंधन और अमावस्या सहित कई व्रत त्योहार पड़ रहे हैं अक्सर देखा जाता है कि ऐसे त्योहारों पर मथुरा के बांके बिहारी और दूसरे मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पहुंचती है. इस भीड़ की वजह से व्यवस्था तो खराब होती ही है, साथ ही बुजुर्ग, महिलायें और बच्चों की तबीयत भी खराब हो जाती है. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए बांके बिहारी मंदिर प्रशासन ने अगस्त के महीने के लिए श्रद्धालुओं के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. 
 
बांके बिहारी मंदिर की अपील
अगस्त में पड़ने वाले कई त्योहारों पर बांके बिहारी मंदिर में भीड़ बढ़ने की संभावन को ध्यान में रखते हुए, मथुरा जिला प्रशासन और बांके बिहारी मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किये हैं. मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि हरियाली तीज मेला के अवसर पर मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है. इस दौरान भीषण भीड़, उमस भरी गर्मी और बारिश के कारण बीमार व्यक्तियों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चे, बीपी और शुगर के मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसलिए इस तरह के श्रद्धालु इस दौरान बांके बिहार के दर्शन के लिए आने से परहेज करें. 

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सही हालात होने पर ही करें यात्रा
बांके बिहारी मंदिर प्रशासन ने कहा है कि अत्यधिक भीड़ और ट्रैफिक जाम आदि की समस्या से बचने के लिए मीडिया और दूसरे माध्यमों से जानकारी मिलने पर ही मंदिर में दर्शन के लिए आएं. इसके अलावा पूरी तरह से स्वस्थ लोग ही मथुरा आकर बांके बिहार के दर्शन का कार्यक्रम बनाएं, जिससे कि यात्रा का पूर्ण आनंद और लाभ प्राप्त हो सके. 

जिला प्रशासन और पुलिस व्यवस्था के लिए प्रयासरत
मंदिर प्रशासन ने अपने दिशा निर्देशों के आखिर में यह भी कहा है कि पुलिस और प्रशासन दर्शनार्थियों के लिए व्यवस्था बनाए रखने के लिए संकल्पित और प्रयारसत है, लेकिन इसके लिए दर्शनार्थियों का सहयोग भी प्रार्थनीय है. 

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