Devkinandan Thakur : अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर एक बार फिर सुर्खियों में हैं. कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि सदन में भी धर्माचार्य होना चाहिए. देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि सदन में 50-55 धर्माचार्य जाने चाहिए. देवकीनंदन ठाकुर ने सीएम योगी का उदाहरण भी दिया है. उन्होंने कहा कि यूपी में हमने एक बाबा बैठा रखा है. पूरे प्रदेश में विकास ही विकास चल रहा है. जब कोई ज्यादा उधम काटता है तो बुलडोजर चलता है. इसका मतलब धर्म भी और कर्म भी. इसी तरह जब सदन में धर्माचार्य जाएंगे तो लिव-इन-रिलेशनशिप जैसे कानून नहीं बनेंगे.
कथावाचक देवकीनंदन ने की ये मांग
इतना ही नहीं देवकीनंदन ने कहा कि स्कूलों में हमारे बच्चों को बॉलीवुड गानों पर डांस नहीं करना पड़ेगा. कोई भी हमारे बच्चों को तिलक लगाने से नहीं रोक पाएगा. अपने बच्चों के दूर जाने पर बुढ़ापे में किसी मां-बाप को रोना नहीं पड़ेगा. ये सब तभी मुमकिन हो सकेगा, जब धर्माचार्य सदन में बैठकर नए भारत के लिए नए कानून लाकर, नया मार्ग दिखाकर उन घरों में खुशहाली लाएंगे. उन्होंने मांग की इसलिए सदन में 50-55 धर्माचार्य सदन में भेजे जाएं.
भारत का एक अलग कल्चर
उन्होंने कहा कि हम लोग अमेरिकन-यूरोपियन नहीं हैं, हम लोग पाश्चात कल्चर वाले नहीं हैं. हमारे भारत का एक अलग कल्चर है. जब से धरती का निर्माण हुआ तब से हमारा अलग कल्चर है. उस कल्चर को ही आगे बढ़ाना हम सबकी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि याद रखें जो बच्चे पढ़ते नहीं हैं, उनकी एक नस्ल खराब होती है और जो बच्चे धर्म से दूर चले जाते हैं उनकी आने वाली सभी नस्लें खराब हो जाती हैं. उन्होंने कहा कि जल न पड़े तो फसल खराब और संस्कार न पड़े तो नस्ल खराब. हम नस्ल खराब होने देना नहीं चाहते.
मुझे ठाकुर जी ने चुनाव लड़ने के लिए नहीं भेजा है
उन्होंने कहा कि मैं स्पष्ट कर दूं कि मुझे कोई लोकसभा और विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहता. एमपी और एमएलए मुझे कभी नहीं बनना है. ठाकुर जी ने मुझे चुनाव लड़ने के लिए नहीं भेजा है. मुझे सनातन की रक्षा करने और सनातन का प्रचार-प्रसार के लिए भेजा है. आई एम हैप्पी विथ माई वर्क.
यह भी पढ़ें : Janmashtami 2024: मथुरा में उमड़ा भक्तों का सैलाब, महाभिषेक के साथ रात में तीन घंटे चलेगा जन्माष्टमी का उत्सव
यह भी पढ़ें : Janmashtami 2024: कृष्ण जन्माष्टमी पर मथुरा-वृंदावन में धूम, आज 45 मिनट तक द्वापर जैसा दुर्लभ संयोग