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Hathras Stampede: भोले बाबा के बेलगाम कमांडो बन गए काल, SDM रिपोर्ट में हाथरस हादसे पर चौंकाने वाले खुलासा

Hathras Hadsa: हाथरस के सत्संग समारोह में 121 लोगों की भगदड़ में हुई मौत पर एसडीएम की जांच रिपोर्ट सामने आ गई है. इसमें हादसे की वजहों को लेकर कई बड़े खुलासे किए गए हैं. 

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Hathras Case SDM Inquiry Report
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Amrish Kumar Trivedi|Updated: Jul 03, 2024, 12:36 PM IST

Hathras News: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग समारोह में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत की वजहों की परतें खुलना शुरू हो गई हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ के 24 घंटे में जांच रिपोर्ट देने के आदेश के बाद एसडीएम रिपोर्ट सामने आई है. इसमें मुख्य तौर पर बाबा के बेलगाम कमांडो को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है.

एसडीएम रिपोर्ट के अनुसार, सूरज पाल उर्फ भोले बाबा 12:30 बजे समारोह में पहुंचा था और 1:40 पर पंडाल से निकला.बाबा के पास जाने के लिए भक्तों की जब भीड़ बढ़ी तो बाबा के सुरक्षाकर्मियों और सेवादारों ने धक्कामुक्की कर लोगों को पीछे धकेल दिया, जिसके बाद भगदड़ मच गई. 
उप ज़िलाधिकारी ने डीएम को सौंपी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है. इसमें भगदड़ का ज़िम्मेदार बाबा के ब्लैक कमांडोज को बताया कगया है. भीड़ बाबा तक न पहुंचे इसके लिए कमांडों ने धक्कामुक्की की थी. इसके बाद हालात बेकाबू हो गए और हाईवे किनारे खाईं और कीचड़ में लोग एक दूसरे के ऊपर गिरते चले गए और मिनटों में ही लाशों का ढेर वहां बिछ गया. 

एसडीएम सिकंदराराउ हाथरस की आधिकारिक जांच रिपोर्ट में भगदड़ के संभावित कारणों में से एक यह बताया गया है कि भक्तों ने नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के पैर छूने और उनके द्वारा गुजरे रास्ते से मिट्टी इकट्ठा करने की कोशिश की थी. भोले बाबा के निजी सुरक्षा गार्ड और सेवादारों ने भीड़ को परेशान किया जिससे भगदड़ मच गई.

एसडीएम की रिपोर्ट में कई बड़ी बातों का खुलासा किया गया है. इसमें कहा गया है कि 80 हजार की मंजूरी थी, लेकिन दो लाख से अधिक भीड़ थी. बाबा सत्संग के बाद बाहर निकला तो पब्लिक दौड़ पड़ी.बाबा के चरण रज की धूल उठाने की होड़ लग गई.कमांडो ने नीचे धकेला तो
लोग वहां से भागे. दलदल और ऊंची नीची जमीन पर फिसल कर गिरे और कुचलते चले गए. खासकर महिलाओं और बच्चों को संभलने का मौका नहीं मिला. मजबूत लोग एक दूसरे के ऊपर चढ़ते हुए बाहर निकल गए. कुछ पलों में ही बाबा का चमत्कार चीत्कार में बदल गया. चरण की धूल उठाने वाले धूल में मिल गए यानी मिट्टी उठाने गए लोग मिट्टी में मिल गए.

एसडीएम रिपोर्ट में कहा गया है कि दो लाख लोगों के कार्यक्रम की परमिशन नहीं ली गई थी. दो लाख लोग सत्संग में आ रहे हैं, जिसकी समुचित व्यवस्था नहीं की गई थी. ना ही मेडिकल सुविधा थी ना ही खान-पान की सुविधा थी. ना ही आने-जाने के पर्याप्त रास्ते थे. ना ही इमरजेंसी रास्ता बनाया गया था. पंडाल से बाहर निकलने का एकमात्र संकरा रास्ता होने के कारण भी भीड़ का दबाव बढ़ा. 

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