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पहले चरण की अग्नि परीक्षा कैसे पास करेगी बीजेपी, 2019 में इन पांच वजहों से मिली थी हार

लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण में उत्तर प्रदेश की 8 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. मिशन 80 का सपना देख रही बीजेपी की पहले ही चरण में कड़ी परीक्षा होगी. 2019 में बीजेपी को इन 8 सीटों में से 5 पर हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि इस बार सियासी समीकरण बदले चुके हैं.

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पहले चरण की अग्नि परीक्षा कैसे पास करेगी बीजेपी, 2019 में इन पांच वजहों से मिली थी हार
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Shailjakant Mishra|Updated: Apr 17, 2024, 10:48 AM IST

Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण में उत्तर प्रदेश की 8 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. मिशन 80 का सपना देख रही बीजेपी की पहले ही चरण में कड़ी परीक्षा होगी. 2019 में बीजेपी को इन 8 सीटों में से 5 पर हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि इस बार सियासी समीकरण बदले चुके हैं. पिछला चुनाव सपा के साथ लड़ने वाली बसपा जहां अकेले मैदान में उतरी है, वहीं रालोद अब बीजेपी के खेमे में शामिल है. सपा और कांग्रेस एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं. 

सहारनपुर
सहारनपुर सीट की बात करें तो 2019 में बसपा के फजलुर्हमान ने सपा-रालोद के सहयोग से भाजपा के राघव लखनपान से सीट छीन ली थी. बीजेपी ने राघव लखनपाल 
पर फिर दांव लगाया है, जबकि सपा-कांग्रेस से इमरान मसूद चुनाव लड़ रहे हैं. बसपा ने यहां से फजलुर्हमान का टिकट काटकर माजिद अली को उतारा है. सीएम योगी ने बीते दिन रोड शो किया है, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद ध्रुवीकरण की हवा रोकने के लिए हिंदू मतदाताओं के साथ रिश्ते प्रगाढ़ कर रहे हैं.

पीलीभीत
35 वर्ष से पीलीभीत सीट मेनका व वरुण गांधी के पास रही, लेकिन बीजेपी ने वरुण गांधी का टिकट काटकर इस बार योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद को उतारा है. उनके सामने सपा ने पूर्व मंत्री भगवत सरन व बसपा ने पूर्व मंत्री अनीस अहमद को उतारा है. बीजेपी को उम्मीद है कि मुस्लिम वोटों में बंटवारा से उनकी उम्मीदें खिलेंगी.

कैराना
कैराना सीट से 2019 में भाजपा के प्रदीप चौधरी कैराना से जीत गए थे, जो दोबारा मैदान में हैं. कांग्रेस के सहयोग से सपा के टिकट पर 27 साल की इकरा हसन की मेहनत और संपर्क ने चुनाव को दिलचस्प बनाया है.बसपा से यहां से श्रीपाल सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. 

मुजफ्फरनगर
मुजफ्फरनगर पर भाजपा के डॉ. संजीव बालियान 2014 से काबिज हैं, लेकिन इस बार उनके सामने ठाकुरों की नाराजगी बड़ी चुनौती है. सपा प्रत्याशी हरेंद्र मलिक मुस्लिम, जाट एवं बालियान से नाराज वोटरों को साधने में जुटे हैं. वहीं बसपा से दारा सिंह प्रजापति भी जन समर्थन हासिल करने में लगे हैं. 

बिजौनर 
बिजनौर सीट भाजपा के सहयोग से रालोद के खाते में है. पार्टी ने चंदन चौहान को उम्मीदवार बनाया है. उनके साथ ठोस वोटबैंक खड़ा दिखाई पड़ता है. सपा कांग्रेस गठबंधन से यहां से दीपक सैनी चुनाव लड़ रहे हैं जबकि बसपा ने विजेंद्र सिंह को मैदान में उतारा है. 

नगीना
नगीना सीट 2019 में बसपा के खाते में गई थी, यहां से गिरीश चंद चुनाव जीते थे. बीजेपी ने इस बार ओमकुमार पर दांव लगाया है. वहीं सपा कांग्रेस से मनोज कुमार और बसपा से सुरेंद्र पाल मैदान में हैं. आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर ने पर्चा भरकर लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है. 

मुरादाबाद
मुरादाबाद सीट 2019 में डा. एसटी हसन ने भाजपा के सर्वेश सिंह से छीन ली थी. भाजपा ने फिर सर्वेश को उतारा है लेकिन सपा ने आजम खान के दबाव में हसन का टिकट काटकर बिजनौर की पूर्व विधायक रुचि वीरा को दे दिया. 

रामपुर
रामपुर में भाजपा ने सांसद घनश्याम लोधी को फिर उतारा है. वहीं सपा कांग्रेस गठबंधन से मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी और बसपा से जीशान खां चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी को उम्मीद है कि मुस्लिम वोटों में बंटवारा होने से यहां कमल खिल सकता है. 

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