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Farrukhabad News: रामगंगा पर बने 50 साल पुराने पुलों को खतरा, भारी बारिश के बीच झेल रहे लाखों टन का दबाव

Farrukhabad News: अगर फर्रुखाबाद में प्रवेश करना है तो अपनी जिंदगी अपने हाथ में रखकर प्रवेश करें. जानिए कोन से पुल है 50 साल से पुराने..... 

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Rahul Mishra|Updated: Jul 07, 2024, 02:41 PM IST

अरुण सिंह/ फर्रूखाबाद: फर्रुखाबाद जनपद में प्रवेश के लिए एक ओर रामगंगा तो दूसरी ओर काली नदी के पुल को पार करना मजबूरी है. उसके बाद शहर में प्रवेश के लिए गंगा नदी का पुल भी पार करना जरूरी है. गंगा और रामगंगा पुल लगभग 49 साल पुराने हैं. जबकि खुदागंज का काली नदी का उधरनपुर पुल तो लगभग 56 साल पुराना है. काली नदी पुल के नवनिर्माण के संबंध में शासन के निर्देश पर 12.25 करोड़ रुपये का प्रस्ताव सेतु निगम तैयार कर चुका है. हालांकि गंगा व रामगंगा पुलों के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को हस्तांतरित होने के चलते पीडब्ल्यूडी फिलहाल जिम्मेदारी से बच गया है. पांचाल घाट पुल के फुटपाथ पर बनी दरारें और नीचे पिलर पर लगे रोलरों की स्थिति अपनी कहानी खुद बयां कर रहे हैं.

फर्रुखाबाद छिबरामऊ रोड
आमतौर पर पुलों की उम्र लगभग 50 साल होती है. रामगंगा पुल का निर्माण वर्ष 1970-76 में तो गंगा पुल का निर्माण 1971-75 के बीच हुआ. वहीं फर्रुखाबाद छिबरामऊ रोड पर उधरनपुर में बना काली नदी पुल का निर्माण वर्ष 1965-68 के बीच हुआ. जाहिर है गंगा व रामगंगा के पुल तो अपनी उम्र के अंतिम पड़ाव पर हैं. जबकि काली नदी पुल अपनी उम्र पूरी कर चुका है. अब इसे निर्माण की कोताही कहें या रखरखाव की अनदेखी. तीनों पुलों पर आयु का प्रभाव और रखरखाव की अनदेखी के निशान साफ नजर आ रहे हैं. पांचालघाट स्थित गंगा पुल के फुटपाथ से लेकर मुख्य भाग तक दो गर्डर के बीच में चौड़ी दरारें हैं. पुल के नीचे से देखने पर बीम बियरिंग की स्थिति भी खराब नजर आती है. इन पर जमी मोटी जंग दूर से ही दिखती है. विगत चार-पांच दशक में इन पुलों पर यातायात का दबाव कई गुना बढ़ चुका है. इटावा बरेली हाईवे पर पड़ने वाले गंगा व रामगंगा पुलों पर तो नेशनल हाईवे का निर्माण पूरा होने पर भारी वाहनों का दबाव और बढ़ जाएगा. छिबरामऊ मुख्य मार्ग पर स्थित काली नदी पुल पर भी यातायात का दबाव पहले ही अधिक है.

पुनर्निर्माण के लिए रुपये
लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता मुरलीधर बताते हैं कि हाल ही में अधीक्षण अभियंता के नेतृत्व में सभी विभागीय पुलों की जांच कर ली गई है. सभी पुल कार्यशील स्थिति में हैं. उधरनपुर पुल की अधिवर्षता के संबंध में पूर्व में भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर शासन के निर्देश पर अब सेतुनिगम ने इस पुल के पुनर्निर्माण के लिए 12.25 करोड़ रुपये का प्रस्ताव अपनी कार्ययोजना में शामिल कर लिया है. अपर जिलाधिकारी सुभाष चंद्र प्रजापति ने बताया कि गंगा व रामगंगा पुलों की स्थति के संबंध में एनएचएआइ के अधिकारियों से रिपोर्ट ली जाएगी. 

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