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पत्नी ने बनवा लिया था डेथ सर्टिफिकेट, 29 साल बाद करवा चौथ पर मांग भरने पहुंचा पति, पढ़ें हैरान करने वाला मामला

Farrukhabad News: फर्रुखाबाद में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक शख्स जिसे परिवार ने मरा समझ लिया था वह 29 साल बाद अपने घर पहुंचा. यह देखकर एक विधवा की तरह जीवन जी रही उसकी पत्नी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. 

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Zee Media Bureau|Updated: Nov 02, 2023, 10:00 AM IST

अरुण सिंह/फर्रुखाबाद: करवा चौथ पर आपने तमाम कहानियां सुनी और पढ़ी होंगी. हमारे पुराणों में भी पति-पत्नी के अनूठे प्रेम की तमाम कहानियां मिलती हैं. इसी में से एक सत्यवान और सावित्री की कहानी है. सावित्री के पति प्रेम के आगे यमराज भी हार गए थे. ऐसी ही एक कहानी यूपी के फर्रुखाबाद जिले में सामने आई है. यहां 28 साल से लापता पति करवा चौथ से ठीक पहले अचानक अपने घर पहुंच गया. पति को अपने सामने जिंदा देखकर उसकी पत्नी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. वह पति से लिपटकर फूट-फूटकर रोने लगी. पत्नी और बच्चों ने उसे मरा समझकर उसका मृत्यु प्रमाण पत्र भी बनवा लिया था, लेकिन 28 साल बाद जब पति घर आया तो पत्नी को अपनी आंखों पर यकीन ही नहीं हुआ. 

क्या है पूरा मामला? 
मामला 30 साल पहले साल 1994 का है. यहां फर्रुखाबाद जिले के शमसाबाद थानाक्षेत्र के गांव रोशनाबाद में उस समय मातम छा गया, जब गांव निवासी नरेश गंगवार अचानक लापता हो गया. नरेश के बच्चे उस समय काफी छोटे थे. पत्नी मीरा ने उसे बहुत ढूंढा, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा. काफी खोजबीन के बाद भी जब नरेश का पता नहीं चला तो गांव वालों ने उसे भूलकर मीरा को जिंदगी जीने की सलाह दी. 

अब मीरा खुद बच्चों का पालन-पोषण करने लगी. इस दौरान बच्चे बड़े हुए तो मीरा ने ही बेटी की शादी की. शादी के दौरान पैसे कम पड़ने पर बैंक से लोन लेना पड़ा. इसके लिए नरेश का मृत्यु प्रमाण पत्र जरूरी था. मीरा बताती हैं, “मुझे पूरा भरोसा था कि मेरा पति एक दिन जरूर लौटकर आएगा, लेकिन रिश्तेदारों और गांव वालों के दबाव में मैंने बेटी की शादी के लिए पति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया. इसके बाद बैंक से लोन लेकर बेटी की शादी की. 

गांव वालों ने दी मीरा को सूचना
मीरा ने बताया, “गांव में उनकी एक जमीन पर विवाद चल रहा है. वहां गांव के ही दबंग लोग कब्जा करने का प्रयास कर रहे थे. इसी बीच करवा चौथ से दो दिन पहले नरेश गांव पहुंच गया. लंबे समय बाद गांव पहुंचा नरेश अपना घर नहीं ढूंढ पाया तो सीधे उसी खेत पर पहुंचा जहां दबंग कब्जा करने का मन बना रहे थे. नरेश ने वहां पहुंचकर उन्हें रोकते हुए उस जमीन को अपना बताया. इसपर लोगों ने नरेश से उसका परिचय पूछा. इसके बाद मुझे सूचना दी गई.” 

गांव वालों ने मीरा को बताया कि एक आदमी उनकी जमीन पर अपना मालिकाना होने का दावा कर रहा है. इसपर मीरा भागकर खेत पहुंची. जहां 28 साल बाद सामने जिंदा पति को देखकर वह फूट-फूटकर रोने लगी. मीरा की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. वह भावुक होकर पति से लिपट गई. गांव वालों ने यह नजारा देखा तो सब सन्न रह गए. किसी तरह गांव वालों ने मीरा को संभाला. 

कर रहा था बंधुआ मजदूरी
नरेश ने बताया कि वह बगैर बताए घर से निकला तो सहारनपुर में अपनी बहन के घर गया. वहां उसे लगा कि बहन कहीं उसे दोबारा घर न भेज दे इसलिए वह वहां से भी चला गया. इसी बीच उसे एक आदमी मिला, जिसने काम दिलाने के बहाने उसे एक ठेकेदार के पास बंधुआ मजदूर बना दिया. यहां वह अभी तक बंधुआ मजदूरी कर रहा था. दो दिन पहले ठेकेदार ने जिस काम के लिए उसे रखा था, वह पूरा हो गया तो सभी मजदूरों को छोड़ दिया गया. इसके बाद वह हरिद्वार के रास्ते अपने गांव पहुंचा. जब वह अपना घर नहीं पहचान सका तो खेत पर पहुंच गया. फिलहाल यह मामला इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है. 

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