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Hathras Stampede: खुद को विष्णु का अवतार मानता था भोले बाबा, ट्रस्ट में छिपे हैं काले कारनामों के राज

Hathras Stampede: एक सिपाही से बाबा का तक का सफर तय करने के दौरान उसने दान के पैसों का अनुचित प्रयोग किया और भक्तों को अंधेरे में रखा.  सूत्रों के मुताबिक दान की कमाई  में हेरा फेरा करता था. आइए जानते हैं बाबा ने दान के पैसे से कैसे इस एंपायर को खड़ा किया.

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Hathras Stampede
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Preeti Chauhan|Updated: Jul 03, 2024, 09:53 AM IST

Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को जिले के फुलराई गांव में भोलेबाबा का प्रवचन कार्यक्रम में भगदड़ के बाद 121 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. सैकड़ों भक्त भीषण गर्मी से बेहोश हो गए. बुधवार सुबह ही मौके पर फरेंसिंक टीम जांच के लिए पहुंच गई. भोले बाबा यानि साकार हरि नारायण का  साम्राज्य कई जगहों पर फैला हुआ था. बाबा का सफेद सूट और टाई, वह अन्य गुरुओं की तरह भगवा वस्त्र धारण नहीं करते हैं. बाबा की कई जगह पर संपत्ति है और कई जगहों पर इनके ठिकाने हैं. इनका मैनपुरी में आश्रम भी है और नोएडा में कोठी भी है. जानकारी के मुताबिक अन्य राज्यों में भी इनका साम्राज्य फैला हुआ है.  एक सिपाही से बाबा का तक का सफर तय करने के दौरान उसने दान के पैसों का अनुचित प्रयोग किया और भक्तों को अंधेरे में रखा.  सूत्रों के मुताबिक दान की कमाई  में हेरा फेरा करता था. 

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बाबा के ट्रस्ट के पीछे दफन हैं कई राज
मैनपुरी राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट के बाहर सुरक्षा का घेरा तैनात किया गया है. ऐसा बताया जा रहा है कि बाबा के ट्रस्ट के पीछे कई राज दफन हैं. सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक बाबा ने ट्रस्ट की आड़ में चढ़ावे के धन में हेराफेरी करता था. बाबा की कमाई पर प्रशासन की नजर है. 

धीरे-धीरे कई राज्यों में फैला बाबा का साम्राज्य 
नारायण साकार का आस्था का साम्राज्य देश के कई राज्यों में फैल हुआ है. उन्होंने इसकी शुरुआत यूपी से की. बाबा ने सबसे पहले उनसे मुख्य तौर पर वंचित समाज के लोग जुड़े लेकिन अब सभी जाति-वर्ग के लोग उनके अनुयायियों में शामिल हो गए हैं. उनके सभी सत्संग सभाओं में लाखों की भीड़ उमड़ती है.

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नोएडा से भी जुड़े हुए है बाबा के तार 
बाबा की नोएडा की आलीशान कोठी है. इस कोठी के बाहर पोस्टर बाहर लगा हुआ है. सत्संग करने की जगह है! बड़ी संख्या में सेवादारों को रहने की जगह भी मिली हुई है. जी मीडिया की टीम ने यहां पर जाकर पड़ताल की. सेवादारों का कहना है बाबा अब यहाँ नहीं आते है. यह जगह निरस्त हो गई है.  टीम ने देखा कि भक्त आज भी बाबा के घर के बाहर दरवाज़े पर माथा टेक के जा रहे हैं. कोठी में ज़्यादा आगे जाने नहीं दिया जा रहा.

सेवादारों को बाबा में दिखते हैं कृष्ण
जानकारी के मुताबिक नोएडा से भी बसें भरकर हाथरस में हुए समागम में गई थीं. एक सेवादार से बात करने करने पर उसने बताया है कि 11 से 1 बजे का सत्संग था.  भीड़ को कभी माप नहीं सकते. हादसे पर पूछा गया  तो बोले कर्म जैसे हैं वो तो होगा ही. आस्था के बारे में सवाल पूछने पर बताया कि बाबा में हमको कृष्ण दिखते हैं वो दुनिया के स्वामी हैं.

मैनपुरी में बाबा के "अड्डे" पर पुलिस का जबरदस्त पहरा
कई थानों की पुलिस तैनात है. मैनपुरी के DSP.अधिकारियों के साथ बाबा के आश्रम के देर रात भी राउंड लिया. गांव के भीतर जाने पर पुलिस ने रोक लगाई हुई है. मीडिया की गाड़ियों के भी घुसने पर रोक है. मीडियाकर्मी  सिर्फ पैदल जा सकते हैं.

बाबा का जन्म उत्तर प्रदेश के ऐटा में बहादुर नगर गांव में हुआ है और उनका असली नाम सूरज पाल है. उनके दो भाई हैं, जिनमें से एक की मौत हो गई है और उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव में ही की थी. बाबा ने उत्तर प्रदेश पुलिस की स्थानीय खुफिया इकाई में हेड कांस्टेबल के तौर पर काम किया था. 

घूम-घूमकर की थी सत्संग की शुरुआत
आरोप है कि नारायण साकार ने गांव में जमीनों पर अवैध कब्जा कर आश्रम की स्थापना की थी. इसके बाद उन्होंने घूमघूम कर सत्संग करना शुरू कर दिया. फिर धीरे-धीरे नारायण साकार का प्रभाव बढ़ने लगा और वह गांव से शहर के लोगों के बीच जाने जाने लगा.कासगंज के बहादुर नगर गांव जहा बाबा का पैतृक गांव है.  इंटीजेंस से retirement के बाद अपने गांव में आए यही से प्रवचन ओर सत्संग शुरू किया

समितियां कराती हैं आयोजन
इसके बाद गांव और शहरों में समितियों का निर्माण हुआ. इसके बाद ये समितियां ही बाबा के सत्संग का आयोजन कराने लगीं. समिति में 50 से 60 सदस्य होते हैं और उन्ही के माध्यम से सत्संग का प्रस्ताव उन तक पहुंचाया जाता है. आयोजन का खर्च भी धनराशि समिति के सदस्य ही जुटाते हैं. 

हादसे पर दुख
हाथरस हादसे पर योगी, मोदी, शाह समेत देश भर के नेताओं ने हादसे पर दुख जताया है.  पीएम मोदी और सीएम योगी ने मृतक के परिवार को 2-2 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है. घायलों को 50-50 हजार की  राशि दी जाएगी.

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