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Ganesh Chaturthi 2023 Date: सूंड वाले गणेशजी की शादी की कथा है रोचक, जानिए कैसे रिद्धि और सिद्धि बनीं गणपति की पत्नी

Ganesh Chaturthi 2023 Date: गणेश जी का जन्मोत्सव इस साल 18 सितंबर 2023 को मनाया जाना है. आइए जानते हैं गणेश जी के परिवार के बारे में विस्तार से साथ ही उनके विवाह की कथा भी जानते हैं.

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Ganesh Chaturthi 2023 Date: सूंड वाले गणेशजी की शादी की कथा है रोचक, जानिए कैसे रिद्धि और सिद्धि बनीं गणपति की पत्नी
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Padma Shree Shubham|Updated: Sep 10, 2023, 11:36 AM IST

Ganesh Chaturthi Marriage Story: गणेश चतुर्थी को बड़े ही उत्साह के साथ गौरी पुत्र गजानन का भक्त जन्मोत्सव मनाते हैं जोकि इस साल 18 सितंबर 2023 पड़ने वाला है. गणेश जी की पूजा करने से बुद्धि, ऐश्वर्य पाया जा सकता है. गणेशउत्सव में जो भी भक्त बप्पा की सच्चे मन से पूजा करता है उसका जरूर बेड़ा पार होता है. गणपति की उपासना करने वाले के ऊपर से सारे सकंट खत्म होते हैं.

इस साल भाद्रपद के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि 18 सितंबर 2023 को शुरू हो रही है, यह दोपहर 02 बजकर 9 मिनट पर शुरू होकर 19 सितंबर 2023 को  दोपहर के 3 बजकर 13 मिनट पर खत्म हो रही है. उदया तिथि में 19 सितंबर को यह त्योहार मनाया जाएगा. 

गणेश जी के दो विवाह की कथा
पौराणकि कथा की माने तो गणेश जी को तपस्या में लीन देख एक बार मां तुलसी उन पर मोहित हो गईं और विवाह का प्रस्ताव रख दिया. गणेश जी ने अपने आप को ब्रह्मचारी बताकर विवाह से मना किया तो तुलसी जी क्रोधित हो गईं. उन्होंने गणेश जी को श्राप दे दिया कि उनके दो दो विवाह होंगे.

रिद्धि-सिद्धि से हुआ विवाद (Lord Ganesh marriage story)
एक और कथा के अनुसार गणेशजी की शारीरिक बनावट देखकर उनसे कोई भी विवाह नहीं करना चाहता था ऐसे में गणेश जी ने क्रोधवश सभी देवी-देवताओं के विवाह में बाधा डालना शुरू कर दिया. फिर सभी देवताओं ने इसका हल ब्रह्माजी से पूछा. इस पर ब्रह्माजी ने अपनी दो मानस पुत्रियां जो कि रिद्धि और सिद्धि है उनको गणेश जी के पास शिक्षा पाने के लिए भेजा. अब गणेश जी को जैसे ही किसी के विवाह की सूचना मिलती वैसे ही रिद्धि और सिद्धि कई कई प्रकार से उनका ध्यान भटका देती और इस तरह विवाह संपन्न हो जाता. पर इस बारे में गणेश जी को जब पता लगा तो वो क्रोध में आकर रिद्धि और सिद्धि को श्राप देने लगें. इतने परब्रह्मा जी गणेशजी के सामने आकर रिद्धि-सिद्धि के विवाह का प्रस्ताव गणेश जी के सामने रखा. गणेश जी ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और इस तरह गणश जी की दो पत्नियां हुईं. गणेश जी के  रिद्धि-सिद्धि से दो संतान शुभ और लाभ हुईं और गणेश जी के दो पोते हुए जिनका नाम आमोद और प्रमोद हैं

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