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Uttarakhand UCC: ड्राफ्ट कमेटी का 15 दिन का समय बढ़ाया गया, 26 जनवरी को खत्म हो रहा था कार्यकाल: सूत्र

Uttarakhand Uniform Civil Code: कार्यकाल खत्म होने से पहले ही कमेटी उत्तराखंड सरकार को रिपोर्ट सौंप सकती है. अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर सरकार को कमेटी का कार्यकाल एक बार फिर बढ़ाया जा सकता है.  

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Uttarakhand Uniform Civil Code
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Zee Media Bureau|Updated: Jan 25, 2024, 07:51 PM IST

Uttarakhand Uniform Civil Code: सूत्रों के मुताबिक, UCC ड्राफ्ट कमेटी का 15 दिन का समय बढ़ा दिया गया है. अब 15 दिन के बाद ही कमेटी मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंप सकती है. ड्राफ्ट कमेटी के रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार विधि वित्त और न्याय विभाग को रिपोर्ट भेजेगी. इसके बाद रिपोर्ट कैबिनेट से पास होने के बाद आगामी बजट सत्र में आएगी. उत्तराखंड सरकार के बजट सत्र के दौरान UCC विधेयक लाया जा सकता है. 

इससे पहले खबर थी कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के ड्राफ्ट के लिए गठित कमेटी आज सीएम पुष्कर सिंह धामी रिपोर्ट सौंप सकती है. दरअसल, यूनिफॉर्म सिविल कोड के ड्राफ्ट के लिए गठित कमेटी का कार्यकाल कल यानी 26 जनवरी को पूरा हो रहा है. ऐसे में माना जा रहा था कि कार्यकाल खत्म होने से पहले ही कमेटी उत्तराखंड सरकार को रिपोर्ट सौंप देगी. 

तीन बार बढ़ाया गया कमेटी का कार्यकाल
उत्तराखंड के संसदीय कार्य और वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया था कि 26 से पहले कमेटी की रिपोर्ट मिल सकती है. इसके बाद सरकार तय करेगी इसके लिए विशेष सत्र आना है या फिर आने वाले बजट सत्र में ही इसे लाया जाएगा. बता दें कि यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति का कार्यकाल तीन बार बढ़ाया जा चुका है. 

उत्तराखंड सरकार ने बनाई थी कमेटी 
समान नागरिक संहिता का मतलब है कि सभी धर्मों के लिए एक ही कानून, अभी प्रत्येक धर्म का अपना कानून है, जिसके हिसाब से वह चलता है. वर्तमान में देश में केवल गोवा ही एकमात्र राज्य है, जहां यह कानून लागू है. गौरतलब है कि सत्ता में आने से पहले पुष्कर सिंह धामी ने चुनाव प्रचार के दौरान कई बार ऐलान किया किया था कि सरकार बनने पर यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू किया जाएगा. UCC का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए उत्तराखंड सरकार ने एक कमेटी बनाई थी. जिसमें रिटायर्ड जज रंजना प्रकाश देसाई को चेयरमैन बनाया गया था. 

कमेटी के सदस्य
इस कमेटी में चार सदस्य शामिल किए गए. जिसमें जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेनि), जस्टिस प्रमोद कोहली (सेनि), उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, दून विवि की कुलपति प्रो सुरेखा डंगवाल और सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़ शामिल हैं. समिति के सदस्य सचिव अजय मिश्रा हैं. कमेटी ने एक ऑनलाइन पोर्टल बनाकर सुझाव मांगे थे. कमेटी को करीब 20 लाख सुझाव मिले थे. इस कमेटी ने UCC को अधिक प्रभावी बनाने के लिए बाहर के देशों के कानूनों की भी समीक्षा की है. 

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