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Haldwani: जमरानी बांध परियोजना को केंद्र की मंजूरी, करोड़ों लोगों और डेढ़ लाख हेक्टेयर भूमि को मिलेगा पानी

Jamrani Dam Project: जमरानी बांध परियोजना को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल चुकी है. इसके लिए सीएम धामी ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद किया है. इस बांध के लिए चार दशक अधिक समय से मांग की जा रही थी. जानें इस परियोजना से प्रदेश को क्या लाभ होगा?...  

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(File Photo)
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Sandeep Bhardwaj|Updated: Oct 25, 2023, 08:39 PM IST

Dehradun: केंद्रीय कैबिनेट ने उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल बड़ी सौगात दी है. सरकार की ओर से जमरानी बांध परियोजना को मंजूरी दी गई. पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रिय मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई. प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार का आभार जताया है. कुमाऊं मंडल के विकास के लिए  इस परियोजना को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इस बांध परियोजना के निर्माण का रास्ता साफ होने से हल्द्वानी व आसपास के क्षेत्र में पेयजल एवं सिंचाई की समस्या का हल होगा. 

इस परियोजना का निर्माण होने के बाद करीब डेढ़ लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को न सिर्फ सिंचाई का पानी मिलेगा बल्कि पूरे हल्द्वानी और आस- पास के जनपदों को पीने का पानी मिलेगा. इस परियोजना से 63 मिलियन यूनिट जल विद्युत का उत्पादन भी किया जाएगा. जमरानी बांध परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना- त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के अंतर्गत में शामिल किया गया है. मुख्यमंत्री धामी के अनुसार अगले 5 साल में बांध का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा. 

उत्तराखण्ड के जनपद नैनीताल में काठगोदाम से 10KM अपस्ट्रीम में गौला नदी पर जमरानी का निर्माण होना है. परियोजना से लगभग 1,50,000 हेक्टेयर कृषि योग्य क्षेत्र सिंचाई सुविधा से लाभान्वित होगा, साथ ही हल्द्वानी शहर को वार्षिक 42 एमसीएम पेयजल उपलब्ध कराए जाने तथा 63 मिलियन यूनिट जल विद्युत उत्पादन का प्रावधान है. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत जमरानी बांध परियोजना के वित्त पोषण हेतु निवेश स्वीकृति एवं जल शक्ति मंत्रालय की स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई थी. 

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भारत सरकार द्वारा रू0 1730.20 करोड़ की स्वीकृति PMKSY  90 % केन्द्र सरकार और 10 % राज्य सरकार के द्वारा दिया जाएगा. शेष धनराशि का वहन संयुक्त रूप से उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य के साथ किये गये.  एम0ओ0यू0 के अनुसार किया जायेगा. जमरानी बांध परियोजना से प्रभावित 351.55 हेक्टेयर वन भूमि सिंचाई विभाग को हस्तांतरित करने हेतु वन भूमि (स्टेज-2 ) अंतिम स्वीकृति पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा माह जनवरी 2023 में प्रदान कर दी गयी है, जिससे प्रस्तावित बांध निर्माण की राह और आसान होगी तथा परियोजना प्रभावित परिवारों के विस्थापन हेतु प्राग फार्म की प्रस्तावित 300.5 एकड भूमि का प्रस्ताव दिनांक 18.05.2023 को उत्तराखण्ड सरकार की कैबिनेट में पारित किया जा चुका है. उपरोक्त प्रस्तावित भूमि को शीघ्र ही सिंचाई विभाग को हस्तांतरित किये जाने के लिए भी कार्यवाही गतिमान है. इसी क्रम में अब इस बांध परियोजना को केंद्रीय कैबिनेट ने अपनी हरी झंडी प्रदान कर दी है. 

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विगत दिनों में प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठकों में जमरानी बांध की स्वीकृति का अनुरोध लगातार करते रहे हैं. अब, केंद्रीय कैबिनेट इस अहम योजना को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है जिसके बाद पेयजल सहित सिंचाई समस्याओं से लोगों को आने वाले दिनों में राहत मिलना तय है. 

वर्ष 1975 से वित्त पोषण के अभाव में परियोजना का निर्माण प्रारम्भ नहीं हो सका परन्तु मुख्यमंत्री धामी के सतत् प्रयासों के फलस्वरूप जमरानी बांध परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गई है. दरअसल, मुख्यमंत्री धामी इस अति महत्वपूर्ण परियोजना की स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री जी के साथ हुई बैठकों में लगातार अनुरोध करते रहे हैं. 

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