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UP News: नोएडा के ममूरा में पकड़ा गया शातिर कार चोरों का गैंग, कार उड़ाते ही GPS सिस्टम कर देते थे खराब

Theft News: नोएडा के गौतमबुद्ध नगर जिले  की पुलिस ने अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के पांच लोगों को गिरफतार किया है. पुलिस का कहना है, कि नोएडा फेस 3 थाने की टीम ने दो अरोपियों को मुठभेड़ के बाद और 3 आरोपियों को घेराबंदी कर गिरफ्तार किया.  

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UP News: नोएडा के ममूरा में पकड़ा गया शातिर कार चोरों का गैंग, कार उड़ाते ही GPS सिस्टम कर देते थे खराब
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Zee Media Bureau|Updated: Feb 05, 2024, 05:37 PM IST

Noida theft News: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में रविवार को पुलिस ने कार चोरों के बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया और पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. ये शातिर अपराधी कार चुराकर उसका जीपीएस सिस्टम नष्ट कर देते थे ताकि चुराई गई गाड़ी को ट्रेस न की जा सके.

पुलिस उपायुक्त हृदेश कठेरिया ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया है, कि गिरोह के लोग चोरी के वाहनों को दिल्ली, राजस्थान और बिहार में बेचते थे. उन्होंने बताया कि आरोपियों से गिरफ्तार होने के बाद  पूछताछ में खुलासा हुआ है. कि गिरोह के लोग दिल्ली-एनसीआर में अब तक वाहन चोरी के 20 से अधिक घटनाओं को अंजाम दे चुके है.

पुलिस के मुताबिक आरोपियों की पहचान इटावा निवासी अमित, आशीष और फन्नू अली और बस्ती के निवासी फिरोज अहमद और मध्य प्रदेश के मुरैना निवासी दिनेश उर्फ मुलायम के रूप में की गई है. पुलिस ने कहना है कि फिरोज और अमित गिरोह के सरगना हैं. इटावा के अमित की मुलाकात 6 साल पहले फन्नू और आशीष से हुई थी. इसके बाद तीनों लोगों ने मिलकर वाहन चोरी करने की घटना को अंजाम देना शुरू किया. बाद में फिरोज अहमद और दिनेश भी उनके साथ में मिल गए. पुलिस ने बताया है, कि आरोपी ममूरा गांव के पास से एक वाहन की चोरी करने की फिराक में थे. तभी पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया. 

हृदेश कठेरिया ने बताया है, कि आरोपियों के पास से चोरी के तीन वाहन बरामद किए गए हैं. उन्होंने बताया कि आशीष के खिलाफ दिल्ली और उत्तर प्रदेश के औरेया, इटावा और गौतमबुद्ध नगर जिले के अलग-अलग थानों में कुल 12 मामले दर्ज हैं. जबकि फिरोज के खिलाफ 6 मामले, अमित के खिलाफ 9 मामले, दिनेश के खिलाफ 2 मामले और फन्नू के खिलाफ 3 मामले दर्ज हैं.

ASP दीक्षा सिंह ने बताया है, कि गिरोह का एक सदस्य घटना से पहले रेकी करता था और उसके बाद चारी की घटना को अंजाम दिया जाता था. उन्होंने यह बताया कि पकड़ जाने के डर से आरोपी पहले वाहन में लगे जीपीएस प्रणाली को नष्ट करते थे. उसके बाद आरोपी वाहन की चोरी किया करते थे और उन्हें सस्ते दाम में बेचते थे.

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