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Braj Ki Holi 2023: बसंत पंचमी के साथ शुरू हुई ब्रज की होली, 40 दिनों तक मथुरा में खूब उड़ेगा रंग-गुलाल

Mathura Holi 2023: ब्रज में होली का एक अलग ही महत्व है. बसंत पंचमी के मौके पर बांके बिहारी मंदिर में भक्तों ने कान्हा के साथ जमकर होली खेली. इसके साथ ही 40 दिवसीय होली के महोत्सव की शुरुआत हो गई है. 

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Braj Holi 2023
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Zee Media Bureau|Updated: Jan 26, 2023, 04:56 PM IST

Mathura Holi 2023: देश भर में बसंत पंचमी (Basant Panchami 2023) का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन ब्रज में (Vasant Panchami in Braj) इस दिन का अपना अलग ही महत्व है. बसंत पंचमी के दिन से ही ब्रज में होली महोत्सव (Braj Holi Mahotasav) प्रारंभ हो जाते हैं. इस दिन ब्रज के सभी मंदिरों में रंग-गुलाल उड़ाया जाता है. बसंत पंचमी पर होली का डांढ़ा गढ़ने के साथ ही भगवान श्रीकृष्ण के ब्रज में 40 दिवसीय होली महोत्सव (Mathura Holi 2023) की शुरुआत हो जाती है. ऐसे में आज ब्रज में होली की शुरुआत हो गई है. श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य के साथ होली खेलकर देशभर में होली का संदेश दिया है. 

पीले फूलों से सजा बांके बिहारी मंदिर
ब्रज के सभी मंदिरों में बसंत पंचमी के दिन से ही मंदिरों में रंग गुलाल उड़ना शुरू हो गया है. इस नजारे का आनंद लेने के लिए देश विदेश से भक्त कान्हा की नगरी में पहुंचे हैं. वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर को पीले फूलों से सजाया गया है. वहीं जन-जन के आराध्य ठाकुर बांके बिहारी महाराज जी ने भी इस पीले वस्त्र धारण किए हैं. 

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करीब 20 क्विंटल अबीर गुलाल के साथ भक्तों ने ठाकुर जी के साथ खेली होली 
भक्त अपने आराध्य के साथ होली खेलने के लिए दूर-दूर से बांके बिहारी मंदिर पहुंचे हैं. इस दौरान मंदिर में जमकर रंग गुलाल उड़ाया गया. भक्तों ने ठाकुर जी के साथ जमकर होली खेली. ठाकुरजी को गुलाल अर्पण करने के बाद से ही पूरे ब्रज के मंदिरों में रसिया, फाग के पद, धमार, होली गीतों का गायन शुरू हो गया है. बता दें कि मंदिर में उड़ता गुलाल जब भक्त के ऊपर गिरता है तो वह कान्हा के प्रसाद के तौर पर समझ जाता है. जानकारी के मुताबिक, भक्तों ने करीब 20 क्विंटल अबीर गुलाल बांके बिहारी के साथ होली खेलकर उड़ाया है. दिल्ली से भगवान बांके बिहारी मंदिर दर्शन करने पहुंची युवती ने कहा कि मेरा एक सपना था कि मैं भगवान बांके बिहारी के साथ होली खेलूं. आज वह मौका मिला. ठाकुर जी के साथ होली खेलकर मेरा मन खुश हो गया है. 

40 दिनों तक चलेगा होली का महोत्सव
बता दें कि ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में होली शृंगार आरती से शुरू होती है. बसंत पंचमी के दिन प्रात: काल की शृंगार आरती से ही मंदिर में रंग गुलाल उड़ने लगता है. इसके साथ ही पूरे ब्रज में 40 दिन की होली की शुरुआत हो जाती है. कहा जाता है कि इन 40 दिनों के अंदर अगर कोई किसी पर रंग डाल दे तो इसका बुरा नहीं माना जाता है. 

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होली कब है? 
इस साल होलिक दहन 7 मार्च 2023 को किया जाएगा. पंचाग के मुताबिक, होलिका दहन सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में किया जाता है. वहीं, अगले दिन 8 मार्च 2023 को रंगों की होली खेली जाएगी. फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि 6 मार्च 2023 को शाम 04 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगी, जिसका समापन 7 मार्च 2023 को शाम 06 बजकर 09 मिनट पर होगा. 

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