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Hathras Accident: हाथरस हादसे का गुनहगार बाबा सूरजपाल फरार, LIU रिपोर्ट और आयोजन की अनुमति देने वाले अफसर कठघरे में

Hathras Satsang Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को एक सत्संग समारोह में भगदड़ मच गई. हजारों की संख्या में जमा श्रद्धालुओं के बीच इतनी तेजी से भगदड़ मची की किसी को संभलने का मौका नहीं मिला. 

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Hathras Stampede
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Amrish Kumar Trivedi|Updated: Jul 02, 2024, 10:40 PM IST

Hathras News : उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को भोले बाबा के सत्संग समारोह (Hathras Stampede) के दौरान बड़ी भगदड़ मच गई. इसमें 25 महिलाओं और दो पुरुषों की मौत हो गई.लेकिन सवाल उठ रहा है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में जब श्रद्धालु वहां पहुंच गए तो पुलिस प्रशासन क्या कर रहा था. भीड़ को काबू में रखने के लिए क्या इंतजाम थे. एलआईयू रिपोर्ट देने वाले और कार्यक्रम की अनुमति देने वाले अधिकारियों की भूमिका की भी जांच होगी. 

बाबा के निकलते ही भगदड़
बताया जा रहा है कि सुबह 11बजे शुरू हुआ सत्संग डेढ़ बजे खत्म हुआ और जैसे ही संत भोले बाबा वहां से निकले तो हॉल में बैठे लोगों के बीच उनका पैर छूकर आशीर्वाद लेने की होड़ मच गई. हॉल का बाहर का रास्ता बहुत छोटा था, ऐसे में जो जहां था वहीं फंस गया. किसी को इधर उधर भागने का मौका नहीं मिला. बाहर एक के ऊपर एक लोग गिरना शुरू हुए तो नाले में बहुत सारे लोग गिर गए. 

उधर बताया जा रहा है कि हाथरस कांड में सरकार बड़े एक्शन की तैयारी में है. आयोजक मंडल समेत स्थानीय प्रशासन पर एक्शन की तैयारी है. मुख्यमंत्री कार्यालय से पूरे घटनाक्रम में तलब की गई रिपोर्ट. हाथरस घटना पर CM ने कमेटी गठित की ADG आगरा और और कमिश्नर अलीगढ़ जांच करेंगे.

हाथरस भगदड़ मामले में लोकल पुलिस प्रशासन की लापरवाही की भी जांच की जाएगी. जिले की LIU ने भीड़ को लेकर अपनी रिपोर्ट में क्या जानकारी दी है, ये अहम प्रश्न है. अगर एलआईयू ने ज्यादा लोगों के पहुंचने की जानकारी दी थी तो स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने क्या कदम उठाए दूसरा अहम सवाल। किसी भी आयोजन को लेकर LIU Report मांगी जाती है. एलआईयू रिपोर्ट को लेकर पुलिस पर कार्रवाई हो सकती है. कार्यक्रम की अनुमति देने वाले अधिकारियों की भूमिका की भी जांच होगी. वहीं एटा के रहने वाला सूरज पाल यानी नारायण साकार हरि उर्फ बाबा भोले हादसे के बाद से फरार हैं.

अचानक रास्ता खोला गया
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि सत्संग समारोह के दौरान जब रास्ता बंद था तो अचानक किसके कहने पर ये खोला गया. बड़े बड़े लोगों के लिए अलग से व्यवस्था कराने के लिए क्यों इंतजाम किए गए. पुलिस प्रशासन की लापरवाही से ही इतना बड़ा हादसा हुआ है. उनकी जवाबदेही सुनिश्चित होनी चाहिए. कार्यक्रम खत्म होने के दौरान बाबा के पैर छूने या उनसे मिलने के लिए भीड़ के बेकाबू होने की हालात के लिए पहले से उपाय क्यों नहीं किए गए. 

चिकित्सा क्या देरी से पहुंची
हाथरस घटना पर CM योगी आदित्यनाथ ने तुरंत संज्ञान लिया है. उन्होंने मंत्री लक्ष्मी नारायण और  संदीप सिंह को हाथरस भेजा है. मुख्य सचिव और DGP को भी CM ने मौके पर भेजा है. लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि वहां हादसे के दो घंटे बाद एंबुलेंस पहुंची. स्थानीय स्तर पर चिकित्सा के कोई इंतजाम नहीं थे. सेवादारों ने वहां से साक्ष्य हटाने की कोशिश की.

हाथरस बॉर्डर पर हादसा
हाथरस और एटा बॉर्डर में यह सत्संग चल रहा था. हाथरस सीमा के सिकंदरामऊ के नेशनल हाईवे के मुगलगढ़ी में ग्राम फुलरई गांव में यह हादसा हुआ. यहां मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम समिति की ओर से यह आयोजन कराया जा रहा है. 

मृतकों की संख्या 116 पहुंची
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि भले ही अभी मृतकों की संख्या 116 हो गई है. बताया जा रहा है कि भारी भीड़ के साथ वहां उमस भरी गर्मी थी. कार्यक्रम के दौरान बाबा से मिलने के दौरान एक महिला बेहोश होकर गिर गई, जिसके बाद अचानक कुछ अफवाह फैली और लोगों के बीच अफरातफरी मच गई. जिसे जहां से मौका मिला, वहां भागने लगा. ऐसे में महिलाएं और बच्चे फंस गए और पुरुष औऱ अन्य लोग उन्हें कुचलते निकल गए. ज्यादातर लोगों की वजह दम घुटने से बताई जा रही है.

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