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UP Politics: मायावती को मात देने के लिए अखिलेश-जयंत की बड़ी चाल? गठबंधन में इस नेता की एंट्री

Chandra Shekhar Azad: जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) के साथ चुनाव प्रचार करने के बाद चंद्रशेखर आजाद (Chandra Shekhar Azad) अब रामपुर में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के साथ मंच साझा करेंगे.

UP Politics: मायावती को मात देने के लिए अखिलेश-जयंत की बड़ी चाल? गठबंधन में इस नेता की एंट्री
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Sumit Rai|Updated: Nov 29, 2022, 02:34 PM IST

SP-RLD Alliance: उत्तर प्रदेश में मैनपुरी लोकसभा सीट और खतौली व रामपुर विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के बीच सियासत तेज हो गई है. इसके साथ ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी बिसात बिछाने शुरू कर दी है और इसी क्रम में दलित नेता चंद्रशेखर आजाद को गठबंधन में शामिल कर लिया है. हालांकि, अभी इसको लेकर कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ, लेकिन चंद्रशेखर खतौली में जयंत चौधरी के साथ प्रचार करते नजर आए.

अब अखिलेश के साथ मंच साझा करेंगे चंद्रशेखर

खतौली में जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) के साथ चुनाव प्रचार करने के बाद चंद्रशेखर आजाद (Chandra Shekhar Azad) अब रामपुर में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के साथ मंच साझा करेंगे. इस दौरान जयंत यादव भी साथ रहेंगे. इसके बाद कई रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि चंद्रशेखर आजाद की सपा-आरएलडी गठबंधन में औपचारिक एंट्री हो चुकी है.

मायावती को मात देने के लिए अखिलेश-जयंत की चाल?

अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने चंद्रशेखर आजाद (Chandra Shekhar Azad) को साथ लाकर मायावती (Mayawati) के खिलाफ बड़ा दांव चला है. इसके जरिए दोनों दलित वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रहे हैं.

अखिलेश-चंद्रशेखर के बीच पहले नहीं बनी थी बात

इस साल विधानसभा चुनाव के दौरान भी अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और चंद्रशेखर आजाद (Chandra Shekhar Azad) के बीच गठबंधन को लेकर चर्चा थी, लेकिन दोनों के बीच बात नहीं बन पाई थी. हालांकि, अब उपचुनाव के जरिए दोनों नेता करीब आ रहे हैं.

5 दिसंबर को उपचुनाव के लिए होगी वोटिंग

बता दें कि मैनपुरी लोकसभा, और खतौली व रामपुर विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए 5 दिसंबर को मतदान होगा, जबकि वोटों की गिनती 8 दिसंबर को होगी. मैनपुरी लोकसभा सीट मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई थी, जबकि रामपुर सीट हेट स्पीच मामले में आजम खान के सजा पाने के बाद और खतौली सीट विक्रम सैनी की विधायकी जाने के बाद खाली हुई थी.

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