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Udaipur News: दावत-ए-इस्लामी ने इकट्ठा किया 20 लाख का चंदा, हुआ बड़ा खुलासा

Dawat-e-Islami Karachi: पाकिस्तानी संगठन दावत-ए-इस्लामी संगठन को भारत के एक नेता ने भी कथित तौर पर 2 लाख रुपये चंदा दिया है. नेता की पहचान अभी जाहिर नहीं की गई है.

Udaipur News: दावत-ए-इस्लामी ने इकट्ठा किया 20 लाख का चंदा, हुआ बड़ा खुलासा
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Zee News Desk|Updated: Jun 30, 2022, 11:26 PM IST

Dawat-e-Islami Udaipur: राजस्थान (Rajasthan) के उदयपुर (Udaipur) में दर्जी कन्हैया लाल (Kanhaiya Lal) की हत्या के मामले में जांच के दायरे में आए पाकिस्तानी संगठन दावत-ए-इस्लामी (Dawat-e-Islami) ने इस साल लगभग एक महीने में राजस्थान में बॉर्डर पर स्थित गांवों और कस्बों से 20 लाख रुपये का चंदा इकट्ठा किया. इसके अलावा, राजस्थान के एक नेता ने भी संगठन को लगभग दो लाख रुपये कथित तौर पर दान किए. ये मामला जांच एजेंसियों के संज्ञान में है.

दावत-ए-इस्लामी ने जमा किया 20 लाख का चंदा

हालांकि, राजनेता की पहचान अभी जाहिर नहीं की गई है. अधिकारियों ने कहा कि एजेंसियों ने जैसलमेर और बाड़मेर के सीमावर्ती इलाकों में दावत-ए-इस्लामी के कई हालिया प्रचार और कट्टरपंथी गतिविधियों पर संज्ञान लिया है, जिसमें अकेले अप्रैल में जैसलमेर जिले में स्थानीय लोगों से 20 लाख रुपये का चंदा जमा करना शामिल है.

संगठन ने बॉर्डर एरिया से चंदा जमा किया

सूत्रों ने कहा कि दावत-ए-इस्लामी ने इस्लामी कार्यों के नाम पर धन इकट्ठा किया. एजेंसियों ने यह भी पाया कि दावत-ए-इस्लामी ने बॉर्डर एरिया में रहने वाले लोगों, विशेष रूप से कम आयु वर्ग के लोगों को कुछ साहित्य ऑनलाइन, किताबों और पर्चों के रूप में दिए.

1981 में हुई दावत-ए-इस्लामी की स्थापना

कराची स्थित दावत-ए-इस्लामी की वेबसाइट के मुताबिक, संगठन की स्थापना 1981 में हुई थी. अपनी वेबसाइट पर, संगठन खुद को 'दुनियाभर में कुरान और सुन्नत के प्रचार के लिए काम कर रहे वैश्विक गैर-राजनीतिक इस्लामी संगठन' के रूप में बताता है.

राजस्थान के डीजीपी (DGP) एम. एल. लाठर ने कहा था कि मंगलवार को उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की निर्मम हत्या के दो मुख्य आरोपियों में से एक गौस मोहम्मद के पाकिस्तान स्थित संगठन दावत-ए-इस्लामी से संबंध हैं. डीजीपी ने बताया था कि गौस 2014 में पाकिस्तान के शहर कराची गया था. दर्जी कन्हैया लाल की दो मुस्लिम युवकों ने चाकू से हमला कर हत्या कर दी थी और उन्होंने इस नृशंस हत्या का वीडियो बाद में सोशल मीडिया पर डालते हुए कहा था कि वे इस्लाम के अपमान का बदला ले रहे हैं. 

गौरतलब है कि एनआईए ने अब मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है और कहा है कि दोनों आरोपी 'देशभर में जनता के बीच आतंक फैलाना चाहते थे.' दावत-ए-इस्लामी के कुछ कार्यकर्ता 2011 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गवर्नर सलमान तासीर की हत्या सहित आतंकी घटनाओं में शामिल पाए जा चुके हैं.

(इनपुट- भाषा)

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