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Afghanistan: तालिबान का बेरहम चेहरा, ईद के त्योहार पर अफगान महिलाओं के साथ किया ऐसा सलूक

Afghanistan Taliban Eid celebrations: दुनियाभर में ईद (Eid) का त्योहार धूमधाम से मनाया गया वहीं, दूसरी ओर अफगानिस्तान के दो प्रांतों की महिलाओं के खिलाफ एक और ऐसा कठोर प्रतिबंध लगाया गया है, जिसकी पूरी दुनिया में निंदा हो रही है. 

Afghanistan: तालिबान का बेरहम चेहरा, ईद के त्योहार पर अफगान महिलाओं के साथ किया ऐसा सलूक
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Shwetank Ratnamber|Updated: Apr 23, 2023, 08:28 AM IST

Taliban bans women from taking part in Eid celebrations: अफगानिस्तान में तालिबान को महिलाओं की आवाज दबाने, उनके अधिकार कुलचने और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार करने के लिए जाना जाता है. तालिबान की सत्ता में अफगानिस्तान में काबिज होने के बाद महिलाओं पर लगतार पाबंदिया लगाने का जो सिलसिला शुरू किया था वो खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. तालिबान के ऐसे फरमानों से देश की महिलाओं का जीन मुहाल हो गया है. सबसे पहले उनका बुनियादी हक तालीम (शिक्षा) छीना गया, पर इस बार तो तालिबान से सभी हदें पार करते हुए मुल्क की महिलाओं के ईद के त्योहार में शामिल होने पर ही रोक लगा दी.

महिलाओं को ईद की खुशियां मनाने से रोका

तालिबान ने वहां दो प्रांतों में महिलाओं को ईद समारोह में शामिल होने से रोक दिया है. अफगानिस्‍तान की प्रमुख समाचार सेवा खामा प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के बगलान और तखार प्रांतों की महिलाओं को शुक्रवार को ईद-उल-फितर के दिनों में समूह में बाहर नहीं निकलने के निर्देश दिए गए. ये आदेश तालिबानी अधिकारियों ने शीर्ष नेतृत्व का हवाला देते हुए दिए. बताया जा रहा है कि अफगानिस्तान के केवल इन दो प्रांतों को हुकूमत के सख्‍त निर्देशों का पालन करने को कहा गया है. अधिकारियों ने कहा कि हेडस्कार्फ (हिजाब) न पहनना प्रतिबंधों का कारण था. 

महिलाओं पर जुल्म बढ़ा

कई जॉब सेक्टर्स में से महिलाओं को निकाल दिया गया है. इसके अलावा स्कूल और कॉलिजों में भी महिलाओं को पढ़ने पर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. दुनियाभर की वैश्विक और व्यापाक निंदा के बावजूद लड़कियों की उच्च शिक्षा पर प्रतिबंध है. महिलाओं को जिम और पार्क जैसे सार्वजनिक स्थानों पर जाने की इजाजत नहीं है. महिलाओं को अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ काम नहीं करने दिया जा रहा है. करीब महीनेभर पहले अफगानिस्तान सरकार ने महिलाओं के एक रेडियो स्टेशन को बंद किया है. अधिकारियों का कहना है कि ये इसलिए किया गया क्योंकि रमजान के महीने में रेडियो के जरिए गाने सुनाए जा रहे थे. 

खराब हो रही अफगानिस्तान की हालत

अफगानिस्तान भोजन की कमी सहित कई चुनौतियों से जूझ रहा है. विदेशी सरकारें महिलाओं पर तालिबान के प्रतिबंधों के कारण बड़े पैमाने पर विकास निधि में कटौती कर रही हैं और प्रतिबंध लगा रही हैं. ऐसे में भारत और संयुक्त राष्ट्र संघ जैसे संगठनों की मदद से वहां जैसे तैसे काम चल रहा है.

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