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Coaching Centre Deaths: कोचिंग सेंटर डेथ चैंबर बन गए, जिंदगी से खेल रहे... सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से किया जवाब तलब

Supreme Court on Coaching Centre: दिल्ली के कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन युवाओं की मौत ने कई सवाल खड़े किए हैं. आज सुप्रीम कोर्ट ने घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए स्पष्ट संकेत दिया कि वह बड़ा फैसला ले सकता है. ये कोचिंग सेंटर डेथ चैंबर बन गए हैं. पढ़िए सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहा. 

Coaching Centre Deaths: कोचिंग सेंटर डेथ चैंबर बन गए, जिंदगी से खेल रहे... सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से किया जवाब तलब
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Anurag Mishra|Updated: Aug 05, 2024, 02:21 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन सिविल सेवा अभ्यर्थियों की मौत पर आज स्वत: संज्ञान लिया. देश की सबसे बड़ी अदालत ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार दोनों से जवाब तलब किया है. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने सख्त लहजे में कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में हाल में घटी यह घटना सभी के लिए आंखें खोलने वाली है. पीठ ने कहा, 'ये जगहें (कोचिंग सेंटर) डेथ चैंबर (मौत का कुआं) बन गई हैं. 

ये जीवन से खिलवाड़ कर रहे

SC ने सख्त लहजे में कहा कि कोचिंग संस्थान का तब तक ऑनलाइन संचालन किया जा सकता है, जब तक वे सुरक्षा मानदंडों और गरिमापूर्ण जीवन के लिए बुनियादी मानदंडों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित न करें. कोचिंग सेंटर देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले अभ्यर्थियों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं. 

दिल्ली हाई कोर्ट ने ओल्ड राजेंद्र नगर में ‘राव आईएएस स्टडी सर्कल’ की इमारत के बेसमेंट में पानी भर जाने के कारण तीन स्टूडेंट्स की मौत के मामले की जांच शुक्रवार को दिल्ली पुलिस से सीबीआई को स्थानांतरित कर दी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जनता को जांच पर कोई संदेह न हो. इस घटना मारे गए सिविल सेवा अभ्यर्थियों की पहचान उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव (25), तेलंगाना की तान्या सोनी (25) और केरल के नेविन डेल्विन (24) के रूप में हुई थी.

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के कोचिंग सेंटर में सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर आज गहरी नाराजगी जाहिर की.

सुप्रीम कोर्ट ने दिए बड़े संकेत

- ये कोचिंग सेंटर डेथ चैंबर बन गए हैं. ये लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं.

- हम इन कोचिंग सेंटर को बंद कर सकते हैं और तब तक ऑनलाइन मोड के जरिए इनके संचालन की इजाज़त देंगे, जब तक ये फायर और दूसरे सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं करते हैं. हम अभी ऐसा नहीं कर रहे है, लेकिन हम ऐसा ही करना चाहते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की याचिका की सुनवाई के दौरान की. हाई कोर्ट ने 2023 में अपने आदेश में दिल्ली सरकार और एमसीडी को फायर डिपार्टमेंट से एनओसी लिए बगैर चल रहे कोचिंग सेंटरों को बंद करने का निर्देश दिया था. इस आदेश के खिलाफ फेडरेशन सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी. आज सुप्रीम कोर्ट ने फेडरेशन की मांग को ठुकराते हुए राजधानी में कोचिंग सेंटर के हालत के मद्देनजर इस पर स्वत: संज्ञान लेने का फैसला लिया. (एजेंसी इनपुट)

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