trendingNow11878034
Hindi News >>देश
Advertisement

ISRO को मिली बड़ी कामयाबी, पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकला आदित्य एल 1

ISRO News: देश की अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि यह लगातार पांचवीं बार है जब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने किसी वस्तु को अंतरिक्ष में किसी अन्य खगोलीय पिंड या स्थान की ओर ट्रांसफर किया.

फोटो साभार: @isro
Stop
Zee News Desk|Updated: Sep 19, 2023, 11:17 AM IST

Aditya L-1: इसरो ने कहा कि सूर्य का अध्ययन करने के लिए भारत का पहला अंतरिक्ष-आधारित मिशन, आदित्य एल 1 अंतरिक्ष यान, 2 सितंबर के लॉन्च के बाद पृथ्वी की कक्षा से ‘रवाना’ हो गया .  आदित्य-एल1 सोमवार-मंगलवार की मध्य रात्रि में करीब 2 बजे तय प्रक्रिया के तहत धरती के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से आगे निकल गया.

आदित्य एल-1 अब पृथ्वी-सूर्य प्रणाली में ‘लैग्रेंजियन’  प्वाइंट 1 पर पहुंचने के लिए अपनी चार महीने की यात्रा शुरू कर दी. एक बार जब आदित्य-एल1 ‘लैग्रेंजियन’ प्वाइंट पर पहुंच जाएगा, तो यह एक प्रभामंडल कक्षा में प्रवेश करेगा और अपने मिशन की अवधि के दौरान वहीं रहेगा.

लगातार पांचवीं बार मिली इसरो को सफलता
देश की अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि यह लगातार पांचवीं बार है जब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने किसी वस्तु को अंतरिक्ष में किसी अन्य खगोलीय पिंड या स्थान की ओर ट्रांसफर किया.

‘आदित्य एल-1’ ने जुटाने शुरू किए आंकड़े
इससे पहले इसरो ने सोमवार को जानकारी दी कि  भारत के ‘आदित्य एल-1’ सूर्य मिशन अंतरिक्ष यान ने आंकड़े जुटाने शुरू कर दिए हैं, जो पृथ्वी के चारों ओर मौजूद कणों के व्यवहार के विश्लेषण में वैज्ञानिकों की मदद करेंगे.  इसरो ने कहा, 'भारत की पहली सौर वेधशाला में लगे सेंसरों ने पृथ्वी से 50 हजार किलोमीटर से ज्यादा की दूरी पर आयन और इलेक्ट्रॉन को मापना शुरू कर दिया है.'

राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'ये आंकड़े पृथ्वी के चारों ओर मौजूद कणों के व्यवहार के विश्लेषण में वैज्ञानिकों की मदद करेंगे.'

दो दिसंबर को लॉन्च हुआ था ‘आदित्य-एल1

इसरो ने गत दो सितंबर को पीएसएलवी-सी57 रॉकेट के जरिए ‘आदित्य-एल1’ का प्रक्षेपण किया था जिसे पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर ‘लैग्रेंजियन’ प्वाइंट-1 (एल1) पर प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा.

Read More
{}{}