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Morbi Bridge हादसे को लेकर सामना में PM मोदी पर निशाना, पूछा- ये 'एक्ट ऑफ गॉड' या 'फ्रॉड'

Morbi Cable Bridge: मोरबी पुल हादसे (Morbi Bridge Collapse) के बाद शिवसेना (Shiv Sena) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर निशाना साधा है. शिवसेना ने पीएम मोदी को उनका 6 साल पुराना बयान याद दिलाया है.

मोरबी हादसे को लेकर पीएम मोदी पर शिवसेना का हमला.
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Zee News Desk|Updated: Nov 01, 2022, 10:11 AM IST

Morbi Bridge Collapse: गुजरात (Gujarat) के मोरबी (Morbi) में रविवार शाम करीब साढ़े 6 बजे मच्छु नदी पर बना केबल ब्रिज अचानक टूटकर गिर गया था. इस घटना में 135 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए. मोरबी पुल हादसे की जांच एसआईटी की टीम कर रही है. इस संबंध में 9 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है. इस बीच, शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. सामना में पीएम मोदी से सवाल करते हुए ये पूछा गया कि मोरबी में केबल ब्रिज का गिरना 'एक्ट ऑफ गॉड' या 'एक्ट ऑफ फ्रॉड' है.

'एक्ट ऑफ गॉड' या 'एक्ट ऑफ फ्रॉड'

बता दें कि साल 2016 में पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक फ्लाईओवर गिर गया था. इस घटना के बाद पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर हमला करते हुए पूछा था कि यह 'एक्ट ऑफ गॉड' या 'एक्ट ऑफ फ्रॉड' है. इसी की तर्ज पर विरोधी दल शिवसेना ने सामना के माध्यम से पीएम मोदी पर हमला किया और मोरबी पुल हादसे को लेकर सवाल पूछे.

शिवसेना ने की न्यायिक जांच की मांग

जान लें कि शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने मोरबी पुल हादसे की न्यायिक जांच की मांग की है. शिवसेना समेत बाकी विरोधी दल भी मोरबी पुल हादसे को लापरवाही और घोर कुशासन का मामला होने का आरोप लगा रहे हैं. विपक्ष ने इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की है. हालांकि, पीएम मोदी आज मोरबी जाएंगे और पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेंगे.

एसआईटी कर रही मोरबी पुल हादसे की जांच

गौरतलब है कि गुजरात सरकार ने मोरबी पुल हादसे के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए 2 नवंबर को राज्यव्यापी शोक की घोषणा की है. यह फैसला हादसे के बाद की स्थिति की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई हुई बैठक में लिया गया. रविवार शाम को मच्छु नदी पर बना केबल पुल टूटने से 135 लोगों की मौत हो गई थी. एसआईटी मामले की जांच कर रही है.

राजकोट रेंज के आईजी अशोक कुमार यादव ने कहा कि घटना से जुड़े सभी पहलुओं की जांच के लिए पुलिस फोरेंसिक एक्सपर्ट्स और इंजीनियर की मदद लेगी. उन्होंने कहा कि हमारी शुरुआती जांच में पता चला है कि तकनीकी और स्ट्रक्चरल संबंधी खामियां इस हादसे के लिए जिम्मेदार हैं. इनमें रखरखाव संबंधी कमियां भी शामिल हैं.

पुलिस ने मच्छु नदी पर तारों का पुल टूटने के मामले में सोमवार को ओरेवा समूह ग्रुप के चार कर्मियों समेत 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. ब्रिटिश काल के दौरान बने इस पुल के रखरखाव का कॉन्ट्रैक्ट ओरेवा समूह को मिला था. राजकोट रेंज के आईजी अशोक कुमार यादव ने कहा, ‘इन 9 लोगों में से दो लोग मैनेजर हैं, जबकि दो पुल पर टिकट बुकिंग क्लर्क हैं. हम गहन जांच करेंगे और दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा.'

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