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ताइवान में भूकंप के बाद चिप का गेम हुआ चालू, ड्रैगन की डगर रोकेगा भारत!

Semiconductor Chip: सेमीकंडक्टर चिप का काम किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को कंट्रोल और मेमोरी फंक्शन को ऑपरेट करना होता है. इसका इस्तेमाल गाड़ियों के साथ ही स्मार्टफोन, कंप्यूटर, एटीएम, कार, डिजिटल कैमरा, एसी और फ्रिज में होता है.

ताइवान में भूकंप के बाद चिप का गेम हुआ चालू, ड्रैगन की डगर रोकेगा भारत!
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Sumit Rai|Updated: Apr 08, 2024, 07:42 AM IST

Semiconductor Chip Game: भारत सरकार सेमीकंडक्टर चिप मैन्युफैक्चरिंग को लेकर चीन पर निर्भरता घटाना चाहती है और इसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. सेमीकंडक्टर का हब बनने के दिशा में भारत ने अहम कदम बढ़ाया है. पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 सेमीकंडक्टर प्लांट का शिलान्यास किया. अभी भारत सेमीकंडक्टर चिप को लेकर पूरी तरह से चीन और ताइवान पर निर्भर है, लेकिन ताइवान में भूकंप के बाद सेमीकंडक्टर की सप्लाई पर असर पड़ने की आशंका है. ऐसे में ग्लोबल मार्केट में सेमीकंडक्टर की कीमतें बढ़ सकती हैं और इस वजह से मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर के साथ गाड़ियों की सप्लाई पर असर पड़ेगा. ऐसे में भारत के लिए सेमीकंडक्टर चिप को लेकर चीन पर निर्भरता कम करना महत्वपूर्ण हो गया है.

ताइवान की कंपनी के साथ टाटा का कॉन्ट्रैक्ट

सरकार ने कुछ समय पहले तीन सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने को मंजूरी दी थी और पिछले महीने पीएम नरेंद्र मोदी ने करीब 1.25 लाख करोड़ की सेमीकंडक्टर परियोजनाओं की नींव रखी. इन तीन प्लांट में से दो प्लांट गुजरात के धोलेरा और साणंद में और एक सेमीकंडक्टर प्लांट असम के मोरीगांव में खोला जाना है. गुजरात के धोलेरा में ताइवानी फाउंड्री पावरचिप सेमीकंडक्टर (PSMC) के साथ टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का जॉइंट वेचर भारत का पहला सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट बनने के लिए तैयार है. इसके अलावा टाटा ग्रुप का लक्ष्य असम के मोरीगांव में सेमीकंडक्टर असेंबली, परीक्षण और पैकेजिंग (ATP) सुविधा स्थापित करना है. इसके लिए 27 हजार करोड़ रुपये के निवेश की योजना है. गुजरात के साणंद में माइक्रोन की एटीपी सुविधा और इजरायली कंपनी टॉवर की 8 बिलियन डॉलर की फैब योजना के साथ एक प्लांट बनाने की योजना है.

भारत के इस फैसले से चीन को बड़ा झटका

भारत में सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने के इस फैसले से चीन को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि इससे सेमीकंडक्टर चिप को लेकर दुनियाभर की निर्भरता चीन पर कम होगी. गुजरात और असम में तीन सेमीकंडक्टर प्लांट लगने से सेमीकंडक्टर चीप को लेकर निर्भरता तो कम होगी ही, इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. इसके साथ ही फाइव ट्रिलियिन इकॉनमी का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में सेमीकंडक्टर प्लांट अहम साबित होगा.

सेमीकंडक्टर क्या है और कहां-कहां होता है इसका इस्तेमाल?

सेमीकंडक्टर, सिलिकॉन से तैयार एक चिप होती है, जिसका इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में होता है. सेमीकंडक्टर का काम किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को कंट्रोल और मेमोरी फंक्शन को ऑपरेट करना होता है. इसके साथ ही हाइटेक कारों के सेन्सर्स, ड्राइवर असिस्टेंस, पार्किंग रियर कैमरा,  एयरबैग और इमरजेंसी ब्रेकिंग के लिए भी सेमीकंडक्टर की जरूरत होती है. सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल गाड़ियों के साथ ही स्मार्टफोन, कंप्यूटर, एटीएम, कार, डिजिटल कैमरा, एसी और फ्रिज में होता है. इतना की नहीं, कई मिसाइलों में भी सेमीकंडक्टर चिप की जरूरत पड़ती है.

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