Muslim Woman Fighter Pilot: 'मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है. पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है.' यह लाइन तो आप सभी ने कई बार सुनी होगी लेकिन इसे कम लोग ही जी पाते हैं. उम्मीदों से भरी इस कविता को मिर्जा के बेहद ही साधारण परिवार से आने वाली सानिया मिर्जा ने सच कर दिखाया है. मौजूदा दौर में पुरुषों के साथ महिलाएं भी कदम से कदम मिलाकर देश की तरक्की में अपना योगदान दे रही हैं. उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले की बेटी ने जो कमाल किया है वह बाकी लड़कियों को भी आगे बढ़ने की प्रेरणा देगा.
मिर्जापुर की बेटी ने किया कमाल
मिर्जापुर जिले के रहने वाले एक टीवी मैकेनिक की बेटी सानिया मिर्जा ने नेशनल डिफेंस एकेडमी की परीक्षा पास की. इसके साथ उसने अपने नाम एक ऐसा रिकॉर्ड दर्ज करा लिया है जिसे तोड़ पाना किसी के लिए मुमकिन नहीं होगा. सानिया ने NDA की परीक्षा में फ्लाइंग विंग में महिलाओं के लिए आरक्षित 19 सीटों में दूसरा स्थान हासिल किया. अब सानिया की ट्रेनिंग पुणे की एनडीए एकेडमी में होगी. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद सानिया देश की पहली मुस्लिम महिला फाइटर पायलट होने का खिताब भी अपने नाम करेंगी.
ऐसी रही है सानिया की जर्नी
सानिया मिर्जापुर में कोतवाली के जसोवर की रहने वाली हैं, उनकी शुरुआती पढ़ाई गांव के ही स्कूल से हुई है. सानिया ने 12वीं क्लास में जिले में टॉप रैंक हासिल की थी. सानिया का बचपन से ही सपना था कि उसे एयरफोर्स में जाना है और फाइटर पायलट बनना है. 12वीं की पढ़ाई के बाद सानिया ने इसके लिए कोचिंग ली और कड़ी मेहनत की बदौलत परीक्षा पास करने में सफल रही. अब 27 दिसंबर को मिर्जापुर की बेटी पुणे की खड़गवासला में एनडीए एकेडमी में दाखिला लेगी. सानिया के पिता शाहिद अली अपनी बेटी की इस उड़ान से काफी खुश हैं.
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