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Sakar Hari: बाबा का रहस्यलोक: हरे चश्मे से भगाता था भूत और नीले से दूर करता था बीमारी

Baba Sakar Hari: हाथरस हादसे के बाद नारायण साकार विश्व हरि 'भोले बाबा' उर्फ सूरजपाल से ज्यादा चर्चा उसके कथित 'चमत्कारों' की हैं. उसने भ्रम का मायाजाल फैला रखा था कि वो दिव्य दृष्टि से बीमारी दूर करने के साथ भूत-प्रेत का साया भी भगा देता था. भक्तों के आगे वो अलग-अलग रंग के चश्मे लगाकर आता था. आइए जानते हैं कि बाबा के चश्मों का क्या राज है?  

Sakar Hari: बाबा का रहस्यलोक: हरे चश्मे से भगाता था भूत और नीले से दूर करता था बीमारी
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Shwetank Ratnamber|Updated: Jul 05, 2024, 10:40 AM IST

Hathras Stameped Baba Sakar Hari Goggles: हाथरस में हुए हादसे के पीड़ित परिजनों से लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अलीगढ़ और हाथरस जाकर मुलाकात की है. इससे इतर अब बात उस बाबा की जिसके आयोजन में भगदड़ से 124 लोगों की मौत हो गई. इन मौतों का जिम्मेदार बाबा आखिरकार बाबा पुलिस की पकड़ में क्यों नहीं आ रहा है? इसी के साथ ही आपको बताएंगे उसके रहस्यमयी 'पाखंडलोक' और कथित 'जादुई' चश्मों के बारे में जिनसे चमत्कार होने का दावा किया जाता था.  

पाखंडलोक और 'जादुई चश्मा'

बाबा कम उम्र की महिलाओं के बीच खुद को भगवान श्रीकृष्ण के नए अवतार के तौर पर पेश करता था और सूट बूट पहनकर, किसी अफसर की तरह महिलाओं के लिए झूले पर बैठकर एक विशेष दरबार लगाता था. 

चलिए अब आपको बाबा के अंधविश्वास के चश्मों के बारे में बताते हैं. जिससे वो भक्तों के हर कष्ट दूर करने का दावा करता था.

  • सूरज पाल हर मंगलवार को रंगीन चश्मा पहनता था.

  • बाबा दिव्य दृष्टि से भक्तों के इलाज का दावा करता था.

  • सूरज पाल के हर रंग के चश्मे की अलग अलग कहानी है. 

  • नीले रंग के चश्मे से बीमारी ठीक करने का दावा किया जाता था.  

  • हरे चश्मे से भक्तों के भूत प्रेत उतारे जाते थे. 

  • भूरे और काले चश्मे से जिन भक्तों के जीवन में शांति नहीं है उन्हें बाबा शांति प्रदान करता था. 

  • भक्तों को विश्वास था चश्मा उतारते ही उन पर बाबा की दिव्य दृष्टि पड़ेगी जिससे उनके कष्ट दूर हो जाएंगे.

  • जबकि यही बाबा आम दिनों में नज़र का चश्मा लगाता था.

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  • बाबा अबतक कानून के शिकंजे से दूर क्यों?

  • बाबा किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल नहीं करता.

  • पास में सर्विलांस डिवाइस ना होने से वो पकड़ से दूर है. 

  • इस सत्संग के आयोजकों ने भी फोन स्विच ऑफ कर दिए थे. 

  • हादसे वाले दिन 5 से 8 बजे के बीच सभी ने फोन बंद कर दिए थे. 

  • पुलिस की नौकरी के दौरान बाबा Local Intelligence Unit में काम करता था. 

  • इसी वजह से सूरज पाल को इंटेलिजेंस के काम का अनुभव था यानि उसे पता है वो कैसे पुलिस से बच सकता है. 

  • सूरज पाल के  सत्संग में वीडियो बनाने की भी मनाही थी.

  • क्योंकि ये वीडियो अंधविश्वास के सबूत बन सकते थे. 
     

  • बाबा का 'लापता लोक'
    मैनपुरी में बाबा का महल, अबलापता–लोक बन चुका है. सूत्रों के मुताबिक पिछले 1 साल में आधा दर्जन से ज्यादा लोग गायब हो चुके हैं. लापता हो चुके हैं. जिनमें कुछ ने FIR दर्ज करवाई, तो कुछ ने बाबा और उसके सेवादारों के डर से FIR तक दर्ज नहीं करवा पाए.

  • साकार हरि का 'इंद्रलोक'

    पौराणिक कथाओं में जिस तरह से इंद्र अपने दरबार में अप्सराओं का नाच करवाते थे. वैसा ही शौक बाबा साकार हरि को भी था. वो अपने सामने महिला सेवादारों का डांस करवाता था. उसके सत्संग पंडाल में भी सेवादार महिलाओं को डांस करते हुए कई बार देखा गया. बाबा ने चमत्कार के नाम पर अपने भक्तों में भ्रम जाल फैला रखा था. जिस इलाके का रहने वाला है बाबा, उसी जगह के लोगों ने ही उसकी धूर्तता उजागर की है. 

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