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Reasi Attack Update: रियासी हमले के गुनहगार कब जाएंगे जहन्नुम? कश्मीर से जम्मू तक पहुंचे आतंकियों को कैसे मिला सेफ पैसेज?

Reasi Attack News: रियासी में शिवखोड़ी से लौट रहे श्रद्धालुओं की बस पर आतंकियों की फायरिंग में 9 की मौत के बाद सुरक्षाबलों ने अभियान तेज कर दिया है. आतंकियों की तलाश में ड्रोन से आसपास के जंगलों की स्कैनिंग की जा रही है. 

Reasi Attack Update: रियासी हमले के गुनहगार कब जाएंगे जहन्नुम? कश्मीर से जम्मू तक पहुंचे आतंकियों को कैसे मिला सेफ पैसेज?
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Syed Khalid Hussain|Updated: Jun 10, 2024, 05:28 PM IST

Reasi Attack Update: जम्मू के रियासी में शिवखोड़ी से लौट रहे श्रद्धालुओं की बस पर आतंकी हमले के बाद कश्मीर घाटी में हाई अलर्ट घोषित कर दिया या है. एलजी मनोज सिन्हा ने हाई सिक्योरिटी मीटिंग करके पूरे प्रदेश में सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. इस बैठक में इस महीने के अंतर में शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा और खीर भवानी मेले में सुरक्षा इंतजामों पर भी चर्चा की गई. मीटिंग के बाद कश्मीर घाटी में बने खीर भवानी मंदिर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जहां 14 जून को वार्षिक समारोह आयोजित किया जाएगा. इसके अलावा सभी प्रमुख सुरक्षा प्रतिष्ठानों, कश्मीरी प्रवासी कॉलोनियों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

मृतकों के परिजनों को 10- 10 लाख का मुआवजा

जम्मू कश्मीर सरकार ने इस हमले में शामिल मृतकों के परिजनों को 10- 10 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है. एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि इस हमले के जिम्मेदारों को बख्शा नहीं जाएगा. कश्मीर में हालात सुधरने के बाद अब आतंकी जम्मू को टारगेट करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उन्हें कामयाब नहीं होने दिया जाएगा. 

सूत्रों ने अमरनाथ यात्रा और आने वाले दिनों में कश्मीर में होने वाले मेला खीर भवानी पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. सुरक्षाबलों ने इन क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है. पहाड़ी इलाकों में वर्चस्व स्थापित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. जगह- जगह मोबाइल चेक पोस्ट बढ़ाई जा रही हैं और चेकिंग का दौर लगातार चल रहा है. संभावित खतरे को देखते हुए नियंत्रण रेखा पर तैनात जवानों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. 

आतंकियों को मारने के लिए बड़ा ऑपरेशन हुआ तेज

इस हमले के बाद आतंकियों की खोजबीन के लिए रियासी इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. निर्दोष श्रद्धालुओं पर हमले में शामिल आतंकवादियों और उनके समर्थकों का पता लगाने के प्रयास जारी हैं क़रीब चार लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. 

रियासी हमले में शामिल आतंकवादियों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया गया है. घटनास्थल पर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ का संयुक्त मुख्यालय स्थापित किया गया है. हमलावरों को पकड़ने के लिए कई स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है. माना जा रहा है कि इस कायराना हमले में शामिल आतंकवादी राजौरी, रियासी या पुंछ के ऊपरी इलाकों में छिपे हुए हैं.

NIA की टीम भी जांच के लिए रियासी पहुंची

जम्मू क्षेत्र में सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली आर्मी की 16वीं कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल नवीन सचदेवा भी रियासी पहुंचे हैं. वहां पर आर्मी के वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें हालात से अवगत करवाया और कॉम्बिंग ऑपरेशन की जानकारी दी. रियासी हमले की जांच के लिए NIA की टीम भी वहां पहुंची है. उसके साथ फोरेंसिक यूनिट भी शामिल है. 

सूत्रों का कहना है कि रियासी हमले को 4 आतंकियों ने अंजाम दिया था. हमले के लिए इंसास राइफल का इस्तेमाल किया गया. इंसास राइफल भारतीय सुरक्षाबल यूज करते हैं. इससे अंदेशा लगाया जा रहा है कि पाकिस्तानी आतंकियों ने यह राइफल या तो कहीं से चुराई है या लूटी है. जानकारी के मुताबिक इस हमले में भी राजौरी, थानामंडी हमले और सुरंकोट इलाके में भारतीय वायु सेना ठिकाने पर हमले के मास्टरमाइंड अबू हमजा का नाम सामने आ रहा है. वह आतंकी संगठन लश्कर का टॉप कमांडर है. उसके साथ 3 अन्य आतंकी भी हमले में शामिल थे. 

ड्रोन से खंगाले जा रहे आसपास के जंगल

इस आतंकी हमले के बाद से सुरक्षा बलों ने रियासी समेत आसपास के समूचे इलाके को घेरा हुआ है. भारतीय सेना की अतिरिक्त टुकड़ियां और बख्तरबंद गाड़ियां भी मौके पर भेजी गई हैं. भारतीय सेना के जवान आतंकियों को ढेर करने के लिए अत्याधुनिक हथियारों के साथ तेज़ी से ऑपरेशन चला रहे हैं. आतंकियों की तलाश के लिए hexa copter drone की मदद भी ली जा रही है. 

Hexacopter drone जिसका नाम त्रिनेत्र V3 है, उसकी खासियत ये है कि उसमें P2Z हाई डेफिनेशन कैमरा लगा हुआ है. इस Hexacopter drone की मदद से जंगलों को खंगाला जा रहा है, साथ ही इन जंगलों में मोजूद प्राकृतिक गुफाओं को भी ढूंढा जा रहा है. जानकारी के मुताबिक हमले में शामिल दो से लेकर तीन आतंकी जंगलों में छिपे हुए हैं जिन्हे ढेर करने के लिए सेना, जम्मू कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ का तलाशी अभियान जारी है. 

छोटे अब्दुल्ला का पुराना राग, 'पाकिस्तान से करो बात'

इसी बीच प्रदेश के पूर्व सीएम रहे और एनसी पार्टी के नेता उमर अब्दुल्ला ने इस हमले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, 'यह कोई हैरानी की बात नहीं है कि आतंकी हमला हुआ है. इससे पहले भी मैंने कहा है कि जिन इलाकों को हमने पूरी तरह से आतंकवाद से आज़ाद किया था, वहां फिर से आतंकवाद देखने को मिल रहा है. यही हाल पूंछ, राजौरी और अब रियासी में है. यहां जो उपराज्यपाल की हुकूमत है. वह आंखें बंद करके चलते हैं. इन इलाकों में हालात खराब हुए लेकिन इन लोगों को थोड़ी भी फिक्र नहीं हुई.' 

मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए अब्दुल्ला ने कहा, 'जो लोग यहां सामान्य स्थिति का दावा करते आए हैं, उन्हें इसका जवाब देना चाहिए. हम हमेशा से कहते आए हैं कि यहां हालात सामान्य नहीं है, हमने हमेशा कहा कि धारा 370 के कारण यहां बंदूक नहीं आई लेकिन भाजपा वाले दावा कर रहे थे कि धारा 370 के कारण यह है. इस बंदूक को खामोश करने के लिए एक बातचीत का माहौल बनाना होगा और इसके लिए दोनों देशों को भूमिका निभानी होगी.' 

आतंकियों ने घात लगाकर किया था हमला

बताते चलें कि पीएम मोदी रविवार को जिस समय दिल्ली में तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले रहे थे, तभी आतंकियों ने रियासी में शिवखोड़ी के दर्शन कर कटरा लौट रहे श्रद्धालुओं की बस पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस हमले में 9 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 33 यात्री घायल हैं. एसएसपी रियासी मोहिता शर्मा के मुताबिक यह हमला घात लगाकर किया गया था. आतंकियों ने पहले बस पर अंधाधुंध फायरिंग की, जिसके बाद गोली लगने पर ड्राइवर ने बस का नियंत्रण खो दिया और वह खाई में जा गिरी. 

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