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H3N2 virus: निमोनिया और कानों में दिक्कत संबंधित तेजी से बढ़ रहे मरीज, सचेत रहने की है जरूरत

Virus News: भारत ने मौसमी इनफ्लुएंजा h3n2 के कारण दो मौतें दर्ज की है. एक कर्नाटक और दूसरी हरियाणा में मौत हुई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी शुक्रवार को राज्यों से कहा है कि वह बढ़ते मामलों के मद्देनजर सतर्क रहें और स्थिति पर बारीकी से नजर रखें.

H3N2 virus: निमोनिया और कानों में दिक्कत संबंधित तेजी से बढ़ रहे मरीज, सचेत रहने की है जरूरत
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Zee News Desk|Updated: Mar 11, 2023, 10:46 PM IST

Virus: शनिवार को डॉक्टरों ने एक बयान में कहा कि देश में इनफ्लुएंजा के मामलों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है. इस समय अधिक रोगी निमोनिया और कानों की दिक्कत लेकर आ रहे हैं. आईएएनएस से बात करते हुए सीके बिड़ला अस्पताल के कंसलटेंट इंटरनल मेडिसिन राजीव गुप्ता ने कहा कि फ्लू के इस प्रकरण में कानों में दिक्कत अतिरिक्त लक्षण है. उन्होंने बताया कि कई रोगियों को बीमारी के पांचवें या छठवें दिन कानों में भारीपन की शिकायत होने लगती है या फिर ऐसा महसूस होता है कि कानों के अंदर कुछ अवरुद्ध हो गया है. ये युवा वयस्कों में अधिक आ रहा है. मेयो क्लीनिक के अनुसार कानों में भारीपन तब होता है जब आपके कान बंद महसूस होते हैं.

अभी तक 2 मौतें हुई हैं
भारत ने मौसमी इनफ्लुएंजा h3n2 के कारण दो मौतें दर्ज की है. एक कर्नाटक और दूसरी हरियाणा में मौत हुई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी शुक्रवार को राज्यों से कहा है कि वह बढ़ते मामलों के मद्देनजर सतर्क रहें और स्थिति पर बारीकी से नजर रखें. मंडाविया ने ट्वीट में कहा कि देश में h3n2 इनफ्लुएंजा वायरस के बढ़ते मामलों की समीक्षा के लिए एक बैठक की गई है, जिसमें सभी राज्यों को सतर्क रहने और स्थिति पर बारीकी से नजर रखने की सलाह दी गई है. मंत्रालय ने कहा कि मौसमी इन्फ्लूएंजा के संदर्भ में युवा, बच्चों, वृद्धों में कॉमेडीटी सबसे कमजोर समूह है. फॉर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के पल्मोनोलॉजी के निदेशक मनोज गोयल ने आईएएनएस को बताया कि लक्षण पहले देखे गए फ्लू के सामान्य होते हैं.

बुखार, बहती नाक, शरीर में दर्द, कभी-कभी इन रोगियों में पेट दस्त और गंभीर मांस पेशियों में दर्द जैसे अन्य लक्षण भी होते हैं और कभी-कभी निमोनिया की शिकायत भी हो जाती है. उन्होंने कहा कि फ्लू युवा आबादी में गंभीर नहीं है, जिनका इम्यून सिस्टम ठीक है. अस्पताल में वह लोग आ रहे हैं, जिन्हें हृदय रोग या सांस रोग जैसी समस्याएं पहले से थी, जो कैंसर रोधी दवाओं या स्टेरॉयड जैसे प्रतिरक्षा दमनकारी चिकित्सा पर हैं. उन्हें भी ये खतरा अधिक है. इस पर डॉक्टरों ने लोगों से कहा है कि भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से पहले मास्क अवश्य लगा ले और बार-बार हाथों को धोते रहें. डॉक्टर ने कहा है कि इस बीमारी को गंभीरता से लेना चाहिए अन्यथा ये समस्या बड़ी भयानक हो जाएगी. इससे बचने के लिए कोरोना जैसी गाइडलाइन का पालन करना होगा. बच्चों और बुजुर्गों को खासतौर से सतर्क रहने की जरूरत है.

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