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अमेरिकन हॉस्पिटल में बुजुर्ग की मौत के बाद हंगामा, डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने का आरोप

 भट्टजी की बाड़ी इलाके में स्थित जीबीएच अमेरिकन हॉस्पिटल में इलाज के दौरान हुई मरीज की मौत के बाद एक बार फिर परिजनों ने हंगामा कर दिया. हंगामा कर रहे परिजनों ने चिकित्सकों पर उपचार में लापरवाही बरतने का गम्भीर आरोप लगाया और हॉस्पिटल के बाहर धरने पर बैठ गए.

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अमेरिकन हॉस्पिटल में बुजुर्ग की मौत के बाद हंगामा, डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने का आरोप
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Avinash Jagnawat|Updated: Dec 04, 2022, 09:08 PM IST

उदयपुर: भट्टजी की बाड़ी इलाके में स्थित जीबीएच अमेरिकन हॉस्पिटल में इलाज के दौरान हुई मरीज की मौत के बाद एक बार फिर परिजनों ने हंगामा कर दिया. हंगामा कर रहे परिजनों ने हॉस्पिटल के चिकित्सकों पर उपचार में लापरवाही बरतने का गम्भीर आरोप लगाया और हॉस्पिटल के बाहर धरने पर बैठ गए. सूचना पर हाथीपोल थाना पुलिस का जाब्ता मौके पर पहुंचा. पुलिस ने समजाइश ओर मामले को शांत किया. बताया जा रहा है कि शहर के कालका माता रोड प्रताप कॉलोनी में रहने वाले 68 वर्षीय केसरीमल पिता रघुनाथसिंह जैन को 19 नवम्बर को जीबीएच अमेरिकन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.

अस्पताल प्रबंधन और परिजनों के बीच बहस

केसरीमल को लंग्स इन्फेक्शन की शिकायत थी. केसरीमल के भतीजे निमेष जैन ने बताया कि 10 दिन के उपचार के बाद उसने बड़े पापा केसरीमल की तबीयत में सुधार हो रहा था. डॉक्टर ने परिवार के लोगों को बताया कि वे अब उन्हें डिस्चार्ज करने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन बीती रात फिर से अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और देर रात उन्होंने दम तोड़ दिया. इसके बाद परिजनों को जब इस बारे में पता लगा तो वे दंग रह गए. गुस्साए परिजनों ने सुबह हॉस्पिटल प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान हॉस्पिटल प्रशासन और परिजनों के बीच जोरदार बहस भी हो गई. सूचना पर हाथीपोल थाना पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने समजाइश कर मामले को शांत किया.

परिजन का आरोप डॉक्टर्स नहीं आए देखने, जिससे मरीज की हुई मौत

मृतक के भतीजे निमेष जैन ने बताया कि शनिवार को बडे पापा की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी. परिवार के लोगो ने कई बार वहां मौजूद स्टाफ को डॉक्टर्स को बुलाने के लिए बोला. लेकिन डॉक्टर एक बार भी विजिट करने नही आया. मौत के बाद जब हम विरोध करने लगे तो हमें धमकाने के लिए हॉस्पिटल प्रशासन ने पुलिस को बुला लिया और हमें जबरन वहां से हटा दिया गया. ऐसे में उन्हें मजबूरन डेड बॉडी लेकर आना पड़ा.

अंतिम संस्कार के बाद परिवार के लोग हॉस्पिटल प्रशासन के खिलाफ जो भी उचित कदम उठाना होगा उठाएंगे. भतीजे निमेष का कहना है कि होस्पिटल में उनके बड़े पापा की उपचार में तो लापरवाही बरती ही. जब उनका डेथ सर्टीफिकेट दिया उसमें भी तारीख भी गलत अंकित कर दी गई थी. उनकी मृत्यु 3 दिसम्बर की रात को हुई. लेकिन डेथ सर्टिफिकेट में 4 दिसम्बर अंकित किया गया.

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