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उदयपुर बायोलॉजिकल पार्क में वन्य जीवों को ठंड से बचाने की कवायद शुरू, जानवरों को उबले मीट के साथ परोसे जा रहे अंडे

उदयपुर के सज्जनगढ़ के बायोलॉजिकल पार्क के वन्यजीवों को सर्दी के कहर से बचाने के लिए तरह तरह के जतन किए जा रहे है. मौसम में आ रहा बदलाव के साथ वन्य जीवों की डाइट प्लान में बदलाव किया जा रहा है. 

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उदयपुर बायोलॉजिकल पार्क में वन्य जीवों को ठंड से बचाने की कवायद शुरू, जानवरों को उबले मीट के साथ परोसे जा रहे अंडे
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Avinash Jagnawat|Updated: Dec 06, 2022, 06:51 PM IST

Udaipur Biological Park: लेकसिटी उदयपुर में सर्दी अब अपने तेवर दिखाने लगी है. मौसम में आ रहे बदलाव से शहर का आम जन जीवन प्रभावित हो रहा है. लोगों के खाने के साथ पहनावे में भी बदलाव देखा जा रहा है. मौसम बदलाव का यह असर उदयपुर के बायलोजिकल पार्क के वन्यजीवों में भी देखा जा रहा है. पार्क के वन्य जीवों को सर्दी से बचाने के लिए तरह तरह के जतन किए जा रहे है. इन जानवरों को ठंड से बचाने के लिए खास इंतजाम के साथ स्पेशल डाइट चार्ट तैयार किया गया है.

उदयपुर के सज्जनगढ़ के बायोलॉजिकल पार्क के वन्यजीवों को सर्दी के कहर से बचाने के लिए तरह तरह के जतन किए जा रहे है. मौसम में आ रहा बदलाव के साथ वन्य जीवों की डाइट प्लान में बदलाव किया जा रहा है. जिसमे अलग-अलग वन्य जीवों के लिए सर्दी की विशेष डाइट तैयार की जा रही है और यही डाइट वन्य जीवों को दी जा रही है. इसके अलावा उनके रहने की जगहों को भी सुविधा सम्पन्न बनाया जा रहा है.

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यही नहीं वन्यजीवों के एंक्लोजर में घास बिछाने के साथ बड़े मोटे पर्दे भी लगाए गए है. जिससे वन्यजीवों को सर्दी से बचाया जा सके और उन्हें गरमाहट मिलती रहे. वन्यजीवों की डाइट में इंसानों की तरह ही कुछ परिवर्तन किया गया है. ऐसे में पूरी गर्मी आइसक्रीम खाने वाले भालू को अब सर्दी के इस मौसम में ठंड से बचाने के लिए उबले अंडे खिलाए जा रहे हैं.

ये हुआ बदलाव

बायलोजिकल पार्क में शेर, हिरण, पैंथर, हिरण, भालू सरीखे वन्यजीवों के लिए विशेष इंतजामात किए गए हैं. गाजर, अमरुद्ध, दूध दलिया संग अंडे भी परोसे जा रहे हैं. केयरटेकर वन्य जीवों की डाइट के साथ इनके होल्डिंग एरिया पर भी ध्यान दे रहे हैं. पिंजरे में बैठने के लिए सूखी घास फैलाई गई है. ध्यान इस बात पर भी है कि सूरज की रोशनी भी उस एरिया में उचित मात्रा पर इन पर पड़ती रहे. एंक्लोजर पर ग्रीन नेट लगाया गया है. 

हैलोजन देगा गर्माहट

क्षेत्रीय गणेश गोठवाल ने बताया कि आहार के साथ ही पिंजरों को भीतर से गर्म रखने के लिए एक और व्यवस्था की गई है. सर्दी के सितम से बचाने के लिए वन्यजीवों के पिंजरों में हैलोजन लाइट्स की भी व्यवस्था की गई है. 

 

 

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