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एनडीए राष्ट्रपति प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के प्रस्तावक बनेंगे राजस्थान के ये पांच आदिवासी विधायक

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर नामांकन प्रक्रिया चल रही है और वहीं इस बार का राष्ट्रपति चुनाव मेवाड़ संभाग के लिए भी बेहद खास हो गया है.

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राष्ट्रपति चुनाव
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Zee Rajasthan Web Team|Updated: Jun 23, 2022, 04:59 PM IST

Udaipur: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर नामांकन प्रक्रिया चल रही है. वहीं इस बार का राष्ट्रपति चुनाव मेवाड़ संभाग के लिए भी बेहद खास हो गया है. क्या कि यहा के पांच आदिवासी विधायक और सांसद एनडीए के राष्ट्रपति उम्मिदवार द्रौपदी मुर्मू के प्रस्तावक बने हैं. मुर्मू के प्रस्तावक बनने के लिए पांचों विधायक गुरूवार सुबह वायुयान से दिल्ली के लिए रवाना हुए. इससे पहले उन्होने आदिवासी समाज की महिला को राष्ट्रपति प्रत्याशी बनाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के नेतृत्व का आभार जताया.

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दरअसल राष्ट्रपति चुनाव को लेकर देश में पहली बार आदिवासी महिला को प्रत्याशी बनाना गया है. ऐसे में भाजपा आदिवासी समाज को साधने के लिए एनडीए प्रत्याशी के लिए प्रस्वाक भी आदिवासी समाज के नेताओं को ही चुना है. इसी को लेकर उदयपुर, बांसवाड़ और सीरोही जिले के पांच विधायक को राष्ट्रपति प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के प्रस्तावक के लिए चुना है. 

इसके लिए उदयपुर जिले के सलूंबर विधायक अमृत मीणा, उदयपुर ग्रामीण विधायक फुलसिंह मीणा, झाडोल विधायक बाबुलाल खराडी, बांसवाडा के गढी विधायक कैलाश मीणा और सिरोही के पिण्डवाडा विधायक समाराम गरासिया प्रस्तावक बनने के लिए सुबह दिल्ली के लिए रवाना हो गए.

वहीं उदयपुर सांसद अर्जुन मीणा भी मुर्मू के प्रस्तावक बने है. दिल्ली रवाना होने से पहले पांचाों विधायकों ने पहली बार किसी आदिवासी समाज की महिला को राष्ट्रपति प्रत्याशी बनाने पर खुशी जाहिर की. उन्होने कहा कि यह समाज के लिए बडे ही गर्व की बात है कि देश के सर्वाच्य पद पर एक आदिवासी महिला बैठेगी। जिससे समाज की महिलाओं में आगे बढ़ने का संदेश जाएगा..

राजस्थान और गुजरात में है आदिवासी वोटर
दरअसल राजस्थान मे 25 और गुजरात में 27 विधानसभा सिटी आदिवासी सीटें है. इसके अलावा भी कई अन्य सिटों पर भी आदिवासी मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं. ऐसे में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी और एनडीए घटक आदिवासी वोटर्स को साधने का काई भी मौका नहीं छोड़ना चाह रहे हैं.

Reporter: Avinash Jagnawat

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