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उदयपुर के आदिवासियों का धरना शुरु, साबरमती-सेई नदी पर बांध का विरोध

Jhadol News, Udaipur: पाली और सिरोही के 750 से ज्यादा गांव में पानी की समस्या के समाधान के लिए सई- साबरमती नदी पर सरकार बांध बनाने वाली है, जिसका उदयपुर के आदिवासी विरोध कर रहे हैं.  

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उदयपुर के आदिवासियों का धरना शुरु, साबरमती-सेई नदी पर बांध का विरोध
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Zee Rajasthan Web Team|Updated: Nov 29, 2022, 02:16 PM IST

Jhadol News, Udaipur: प्रदेश सरकार ने उदयपुर के आदिवासी अंचल कोटडा की सेई और साबरमती नदी पर बनने वाले जलाशयों के लिए वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी है. इसके साथ ही बाधों के निर्माण का विरोध कर रहे आदिवासी समुदाय के लोग और क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों ने उपखंड कार्यालय के बाहर अनिश्चित कालिन धरना शुरू कर दिया है. लोग बांधों के निर्माण के कार्य को रद्द करने की मांग कर रहे है.

पाली और सिरोही जिले के 750 से अधिक गांवों में पेयजल संकट को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार ने उदयपुर के आदिवासी अंचल कोटडा से निकल रही सेई और साबरमती नदी पर बांधों के निर्माण का फैसला लिया. सरकार की ओर से की गई बांधों के घोषणा के बाद से ही कोटडा क्षेत्र के आदिवासी और जनप्रतिनिधि सरकार के इस निर्णय के विरोध में उतर गए.

लम्बे समय से बांधों के निर्माण का विरोध कर रहे आदिवासियों और प्रशासन के बीच वार्ता का दौर चला. हर बार आदिवासी समुदाय के लोगों को मनाने में स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी सफल रहे. सरकार ने सोमवार को बांधों के निर्माण के लिए सरकार की ओर से 2554.23 करोड़ रूपए की वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी. जिसकी जानकारी मिलते ही कोटडा क्षेत्र के आदिवासियों को गुस्सा फूट पड़ा.

बांधों के निर्माण का विरोध कर रहे आदिवासी समुदाय के लोग और जन प्रतिनिधियों ने कोटडा कस्बे में रैली निकाली और उपखंड कार्यालय पहुंच गए. जहा पहले तो उन्होने जम कर नारेबाजी कर सरकार के निर्णय पर विरोध दर्ज कराया. इसके बाद तमाम लोग अपनी मांग को लेकर अनिश्चित कालिन धरने पर बैठ गए.

ये कहना है आदिवासी समाज के लोगों का

बांध निर्माण का विरोध कर रहे आदिवासी समुदाय के लोगों का कहना है कि सरकार के इस निर्णय से कोटडा क्षेत्र की 10 ग्राम पंचायतें सीधे तौर से प्रभावित हो रही है. जिसका व्यापाक असर यहां रहने वाले 40 हजार से अधिक परिवार के लोगों पर होगा और उन्हे अपने ही घर और जमीनों से विस्थापित होना होगा. ऐसे में इतने लोगों के पुर्नवास की भी पुख्ता व्यवस्था नहीं की गई है. ऐसे में क्षेत्र के लोग और जन प्रतिनिधि बांधों के निर्माण का निर्णय वापस लेने की मांग पर अडे हुए है.

ये है योजना

प्रस्ताव के अनुसार, सेई और साबरमती नदी पर बन रहे बांधों से पानी प्रेशराईज पाइप लाइन, ग्रेविटी पाइप लाइन और टनल के माध्यम से जवाई बांध में छोड़ा जाएगा. जलाशयों का निर्माण पूर्ण होने पर पाली जिले के 9 कस्बे (पाली, रोहट, जैतारण, सुमेरपुर, बाली, देसूरी, सोजत, रायपुर, मारवाड़ जंक्शन), 560 गांव एवं सिरोही जिले के शिवगंज कस्बे के साथ ही 178 गांवों की पेयजल व्यवस्था भी सुदृढ़ हो पाएगी. सीएम अशोक गहलोत ने वर्ष 2022-23 के बजट में पाली और सिरोही जिले में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित किए जाने के लिए उदयपुर की कोटड़ा तहसील में सेई और साबरमती नदी पर जलाशयों के निर्माण की घोषणा की थी.

अनिश्चित कालीन धरने से बढ़ेगी प्रशासन की चिंता

उदयपुर में जिला प्रशासन के अधिकारी 5 से 7 दिसम्बर तक आयोजिन होने वाली जी 20 देशों की शेरपा बैठक की तैयारियों में जुटे हुए है. ऐसे में आदिवासी समुदाय के लोगों का उपखंड कार्यालय के बाहर अनिश्चित कालिन धरने पर बैठने से प्रशासनिक अधिकारियों की चिंता बढ गई है. हालाकि धरने पर बैठने से पहले अधिकारियों ने आन्दोलनकारी लोगों से समजाइश का प्रयास किया. लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे.

Reporter: Avinash Jagnawat

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