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Chaitra Navratri: राजस्थान की दूणजा माता का मंदिर को लगता है शराब का भोग, नेता भी आते हैं टिकट की अर्जी लगाने

Chaitra Navratri 2024: राजस्थान के टोंक जिले के दूनी कस्बे में एक ऐसी दुर्गा मां के दर्शन करवाने जा रहे हैं, जहां दूणजा माता अपने भक्तों से शराब पीती हुई दिखेंगी. दूनी कस्बे में दूणजा माता का मंदिर तालाब के किनारे बना हुआ है, जहां सालों से नवरात्रि में नौ दिन तक भारी संख्या में भक्तों की रेलमपेल रहती है. यहां भक्तों की मान्यता यह है कि जिन भक्तों की मुराद पूरी होती है, वे माता को मदिरापान करवाते हैं.

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Zee Rajasthan Web Team|Updated: Apr 15, 2024, 10:56 AM IST

Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि यानी की देवी दुर्गा के पावन दिनों चल रहे हैं. नवरात्रि के पावन दिनों में भक्त माता रानी को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग उपाय और जतन करते हैं. कोई माता रानी को श्रृंगार का सामान चढ़ाता है तो कोई उन्हें नारियल समर्पित करता है. कई लोग 9 दिनों का उपवास भी रखते हैं लेकिन क्या कभी आपने ऐसे मंदिर के बारे में सुना है, जहां माता को शराब का भोग लगता हो.

वहीं, राजस्थान के टोंक जिले के दूनी कस्बे में एक ऐसी दुर्गा मां के दर्शन करवाने जा रहे हैं, जहां दूणजा माता अपने भक्तों से शराब पीती हुई दिखेंगी. दूनी कस्बे में दूणजा माता का मंदिर तालाब के किनारे बना हुआ है, जहां सालों से नवरात्रि में नौ दिन तक भारी संख्या में भक्तों की रेलमपेल रहती है. यहां भक्तों की मान्यता यह है कि जिन भक्तों की मुराद पूरी होती है, वे माता को मदिरापान करवाते हैं. बाकायदा शराब की बोतल को माता का पुजारी दूणजा माता की प्रतिमा के मुंह में लगाता है और मां शराब से भरी पूरी बोतल का सेवन करती है और बाकी भक्तों के लिए छोड़ देती हैं.

दूणजा माता की टोंक जिले सहित प्रदेश के कई जिलों के लोगों में मान्यता है, जिस किसी भक्त ने श्रद्धा और विश्वास से माता के दरबार में अपने काम की अर्जी लगाई है. उसे माता पाती देती है, जिसे पाती मिल गई, समझो उसका काम बन गया. पाती एक फूल की पंखुड़ी होती है जो माता के सामने बैठकर मांगी जाती है.

मन्नत पूरी होने पर भक्त चढ़ाते शराब का भी भोग
वहीं, अपने काम की पाती मांगने वाला भक्त माता के सामने पुजारी के माध्यम से एक कागज रख देता है या वैसे ही पाती मांगने की अरदास कर लेता है. यदि उस भक्त का काम होने वाला होता है तो माता की पौशाक में जड़े फूलों में से एक पंखुड़ी गिर कर उस कागज में या वहां आंगन में गिर जाती है. मान्यता यह है कि माता जी ने पाती दे दी तो समझो काम पक्का हो गया. फिर भक्त वहां मन में बोलता है कि 'हे मां मुंझे सफलता मिलते ही मैं तुझे अपनी और से पोशाक धारण करवाउंगा या मदिरापान करवाउंगा या सवामणि का प्रसाद चढ़ाऊंगा' भक्त बोलता है वह माता को प्रसन्न करने के लिए वैसा ही करता है.

गहरी खाई खुदवाने पर भी नहीं मिला शराब का सुराग
मान्यता है कि कि माता द्वारा भक्तों का मदिरापान करने के रहस्य को जानने के लिए सालों पहले तत्कालीन राजा ने मंदिर के नीचे चारों ओर गहरी खाई खुदवाई थी लेकिन कहीं भी माता द्वारा किए गए मदिरापान का सुराग नहीं लगा. आखिरकार थक-हारकर राजा भी माता की इस अलौकिक शक्ति और चमत्कार का कायल हो गए.

प्रमोशन, संतान प्राप्ति से लेकर नेता भी मांगते हैं मन्नतें
माता के दरबार में आस्था रखने वाले ग्रामीण लोग ही नहीं, अच्छे पढ़े-लिखे लोग, अफसर और राजनेता भी शामिल है. यहां प्रमोशन, संतान प्राप्ति से लेकर नेता भी चुनावों में टिकट पाने के लिए मन्नत मांगते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, आस्थाओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE Rajasthan इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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