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52 शक्तिपीठों में शामिल है सिरोही का अर्बुदा देवी मंदिर, यहां गिरा था माता पार्वती का होंठ

Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि के अवसर पर श्रद्वालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. इन दिनों यहां मां के दरबार में रोजाना हजारों श्रद्वालु दर्शन करने आते हैं. इस तीर्थ स्थल की एक और खासियत है कि यह देश के 52 शक्तिपीठों में से एक है. साथ हीं, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यहा मां पार्वती का अधर यानि होठ गिरा था. उसके बाद इस पवित्र स्थल को अधर देवी व अर्बुदा देवी के नाम से जाना जाता है.

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chaitra navaratri 2024
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Zee Rajasthan Web Team|Updated: Apr 10, 2024, 06:00 AM IST

Chaitra Navratri 2024: वैसे तो पूरे राजस्थान में मां दुर्गा के एक से बढ़कर एक चमत्कारी मंदिर हैं लेकिन सिरोही में एक ऐसा मंदिर है, जो कि करीब 5500 साल पुराना बताया जाता है. मान्यता है कि यहां पर मांगी गई हर मुराद पूरी होती है. नवरात्रि में यहां पर भक्तों का ताता लगा रहता है. यह प्राचीन मंदिर सिरोहीजिले में स्थित राजस्थान के एक मात्र पर्वतीय पर्यटन स्थल माउंट आबू स्थित अरावली की पर्वत श्रंखलाओं में है, जिसकों अधर देवी के मंदिर के नाम से जाता है. माउंट आबू में स्थित अधर देवी का मन्दिर मां कात्यायनी का ही है, जिसका उल्लेख स्कन्द महापुराण के प्रवास खंड में उल्लेखित है.

नवरात्रि के अवसर पर श्रद्वालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. इन दिनों यहां मां के दरबार में रोजना लाखों श्रद्वालु दर्शन करने आते हैं. इस तीर्थ स्थल की एक और खासियत है कि यह देश के 52 शक्तिपीठों में से एक है. साथ हीं, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यहा मां पार्वती का अधर यानि होठ गिरा था. उसके बाद इस पवित्र स्थल को अधर देवी व अर्बुदा देवी के नाम से जाना जाता है.

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कात्यायनी शक्तिपीठ
कात्यायनी शक्तिपीठ का मन्दिर 5500 वर्ष पुराना है, जो विशाल प्राकृतिक गुफा में स्थित है. इसमें एक समय में करीब 100 व्यक्ति बैठ सकते है. मन्दिर न सिर्फ पौराणिक मान्यताओं और मां की महिमा के लिए जाना जाता है बल्कि मन्दिर प्रकृति के बीच स्थित होना और मनोहरी वातावरण श्रद्वालुओं के मन को अभिभुत कर देता है.

करीब 350 सीढ़ियां
अधर देवी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को करीब 350 सीढ़ियां ऊपर चढ़नी पडती है लेकिन अर्बुदा माता की महिमा ही कुछ ऐसी है कि यहां आकर 350 सीढ़िया को चढ़ना मानों कुछ ही सीढ़ियां के चढ़ने के बराबर ही माना जाता हैं और यहां आकर मां के दर्शन सहज हो जाते हैं.

पूरी होती हैं भक्तों की मुरादें
देश के विभिन्न भागों से भक्त यहां माता के दर्शन के लिए आते है. वहीं, ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के अवसर पर मां अर्बुदा के दर्शन करने पर जो भी मन्नत या मुराद मांगी जाती है. वह अवश्य ही पूरी होती है.  साथ ही ऐसी भी मान्यता है कि निसंतान दम्पत्ति अगर मां के दरबार में आकर संतान की मन्नत मांगते हैं तो वह जरूर पूरी होती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, आस्थाओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE Rajasthan इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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