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Sawai madhopur News:रातभर परिजनों को करनी पड़ी शव की रखवाली,CHC बौंली में सुरक्षित नहीं है मृतकों के शव,जिम्मेदार कौन?

Sawai madhopur News:उपखंड बौंली की एकमात्र मोर्चरी दूर्दशा का पर्याय बनी हुई है.बौंली व मित्रपुरा तहसील के 100 से अधिक गांव की किसी भी दुखांतिकाओं के बाद शव को इसी मोर्चरी में रखा जाता है.

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Arvind Singh Sawai Madhopur|Updated: Apr 21, 2024, 12:52 PM IST

Sawai madhopur News:एक ओर जहां शव के सम्मान को लेकर कानून पारित किया जा चुका है.शव रखकर प्रदर्शन करने के मामलों में इससे भले ही गिरावट आई है.लेकिन जब मोर्चरी में ही शव की सुरक्षा न हो तो दोष किसे दिया जाए? नगर पालिका मुख्यालय बौली की CHC की मोर्चरी का यही आलम है.

उपखंड बौंली की एकमात्र मोर्चरी दूर्दशा का पर्याय बनी हुई है.बौंली व मित्रपुरा तहसील के 100 से अधिक गांव की किसी भी दुखांतिकाओं के बाद शव को इसी मोर्चरी में रखा जाता है. लेकिन मोर्चरी में न तो दरवाजे सुरक्षित है और ना ही खिड़कियां! इसके साथ ही मोर्चरी में लाइट की भी कोई व्यवस्था नहीं है.

दरअसल विगत रात बौंली के शिशोलाव गांव में भीषण सड़क हादसा पेश आया था.जिसमें बरौनी थाना क्षेत्र के सगीर साह पुत्र नसीर शाह की मौत हो गई थी.वहीं नौ गंभीर घायलों को जिला अस्पताल रेफर किया गया था.उपचार के दौरान 50 वर्षीय पीरो पत्नी इमामुद्दीन की भी मौत हो चुकी है. मृतक सगीर शाह का शव CHC बौंली की मोर्चरी में रखवाया गया था. 

मृतक के परिजन जाकिर शाह ने बताया कि शव को कल रात बौंली की मोर्चरी में रखा गया लेकिन मोर्चरी की खिड़की टूटी हुई है साथ ही दरवाजा भी टूटा हुआ है. मोर्चरी में रोशनी के लिए कोई इलेक्ट्रिकल प्रबंध भी नहीं है.आसपास बेहद गंदगी होने से जानवर मंडराते रहते हैं. 

ऐसे में रात भर शव को मोर्चरी में सुरक्षित रखना असंभव है.
मृतक सगीर शाह के परिजनों ने खिड़की में फंटे व अन्य चीजे लगाकर एवं हैलोजन लगाकर रात भर शव की सुरक्षा की.पूर्व में भी ऐसे कई वाकया सामने आ चुके हैं जब शव की शिनाख्त न होने पर पुलिस के जवानों को रात भर अंधेरे में पहरा देकर शव की सुरक्षा करनी पड़ी.

सीएचसी इंचार्ज डॉक्टर हेमंत ने बताया कि मोर्चरी को मरम्मत की दरकार है.जिसे लेकर एनएचएम के एईएन को लिखित में सूचना दे दी गई है.मौका विजिट होने के बाद एस्टीमेट तैयार होने पर निविदा जारी कर शीघ्र ही मोर्चरी का मरम्मत कार्य करवाया जाएगा.हैरानी वाली बात यह है कि मोर्चरी की यह दुर्दशा लंबे अरसे से बनी हुई है.

तो ऐसे में अब तक मोर्चरी की मरम्मत का कार्य न होना अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान खड़े कर रहा है.बहरहाल पुलिस व परिजन की चौकीदारी ही शव की सुरक्षा का एकमात्र विकल्प नजर आ रही है.कल रात के हादसे को लेकर एएसआई नंदराम गुर्जर की मौजूदगी में पंचनामा कर शव का पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों के सुपुर्द किया गया है.

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