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सवाई माधोपुर में मनाई नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती, निकाली पथ संचलन रैली

Sawai Madhopur news: सवाई माधोपुर जिले के खंडार उपखण्ड क्षेत्र में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती धूमधाम से मनाई गयीं. ढोल की ताल पर स्कूली छात्र कदम ताल मिलाकर पथ संचलन रैली में में शामिल हुए वहीं सुभाष चंद्र बोस सहित वीर शहीदों के जयकारों से कस्बा गूंज उठा.

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Subhash Chandra Bose Jayanti
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Arvind Singh Sawai Madhopur|Updated: Jan 23, 2024, 07:01 PM IST

Sawai Madhopur news: सवाई माधोपुर जिले के खंडार उपखण्ड क्षेत्र में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती धूमधाम से मनाई गयीं. उपखण्ड मुख्यालय सहित बालेर, बहरावंडा खुर्द, छाण कस्बे में माध्यमिक आदर्श विद्या मंदिर विद्यालयों द्वारा सुभाष चंद्र बोस स्वरूप छात्र को घोड़ी पर बैठाकर पूरे कस्बे में भ्रमण करवाया गया. इस दौरान शंख, ढोल की ताल पर स्कूली छात्र कदम ताल मिलाकर पथ संचलन रैली में में शामिल हुए वहीं सुभाष चंद्र बोस सहित वीर शहीदों के जयकारों से कस्बा गूंज उठा. 

 रैली निकाली गयी
उपखण्ड मुख्यालय पर पथ संचलन रैली का आयोजन हर्ष के साथ निकाला गया वहीं कस्बा छाण, बहरावंडा खुर्द, बालेर में भी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती के अवसर पर रैली निकाली गयीं. छाण कस्बे में पुलिस चौकी प्रभारी बलवीर सिंह ने नेताजी स्वरूप छात्र को माला पहनाकर रैली को रवाना किया. इसी प्रकार बहरावंडा खुर्द कस्बे में प्रधानाचार्य ओमप्रकाश शर्मा ने रैली को रवाना किया.

 रैली कस्बे के मुख्य एनएच-552, सब्जी मंडी, महाजन मोहल्ला, खारा कुआं मोहल्ला खंडार रोड, भगतसिंह सर्किल, पुलिस चौकी, से गुजरती हुई वापस विद्यालय में पहुँचकर संपन्न हुई.

 नेताजी की जयंती महोत्सव 
 सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर उपखण्ड क्षेत्र के निजी एवं सरकारी विद्यालयों में नेताजी की जयंती महोत्सव मनाया गया. वहीं नेताजी के आजादी की लड़ाई में योगदान और जीवन परिचय छात्र छात्राओं को वक्ताओं द्वारा बताया गया इस अवसर पर विद्यालयों की कार्यसमिति सहित विद्यालय स्टाफ मौजूद रहा.

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रेरक उद्धरण
"तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा!"

"एक व्यक्ति किसी विचार के लिए मर सकता है, लेकिन वह विचार, उसकी मृत्यु के बाद, हजारों लोगों के जीवन में अवतरित होगा।"

"आज़ादी दी नहीं जाती, ली जाती है."

"यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी आजादी की कीमत अपने खून से चुकाएं। जिस आजादी को हम अपने बलिदान और परिश्रम से हासिल करेंगे, उसे हम अपनी ताकत से बरकरार रखने में सक्षम होंगे."

"कोई वास्तविक परिवर्तन नहीं.

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