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Rajsamand School Scam: निजी विद्यालय में सरकारी पुस्तक के मिलने का मामला, जांच के लिए पहुंचे अधिकारी, नोटिस चस्पा

Rajsamand School Scam News: राजस्थान के राजसमंद जिले में ज़ी मीडिया की खबर का फिर बड़ा असर हुआ है. अभिभावक ने भी कहा कि 2 किताबों के 300 रुपए लिए गए हैं. जानकारी में यह भी सामने आया है कि टेरेसा इंटरनेशनल पब्लिक को चलाने वाले एक सरकारी स्कूल के अध्यापक हैं. 

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Rajsamand School Scam: निजी विद्यालय में सरकारी पुस्तक के मिलने का मामला, जांच के लिए पहुंचे अधिकारी, नोटिस चस्पा
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Devendra Sharma|Updated: Jul 14, 2023, 08:44 PM IST

Rajsamand School Scam News: राजस्थान के राजसमंद जिले में ज़ी मीडिया की खबर का फिर बड़ा असर हुआ है. बता दें कि ज़ी न्यूज़ द्वारा देवगढ़ ब्लाक के दौलतपुरा में संचालित निजी विद्यालय टैरेसा इंटरनेशनल पब्लिक में सरकारी पुस्तक मिलने के मामले को प्रमुखता से चलाया गया था. सबसे खास बात यह है कि यह निशुल्क पुस्तकें निजी विद्यालय में बच्चों को शुल्क लेकर दी गई.

ज़ी मीडिया की खबर का बड़ा असर 

वहीं जब इस मामले की भनक मीडिया को पड़ी तो खबर को प्रमुखता से उठाया और अभिभावक ने भी कहा कि 2 किताबों के 300 रुपए लिए गए हैं. जानकारी में यह भी सामने आया है कि टेरेसा इंटरनेशनल पब्लिक को चलाने वाले एक सरकारी स्कूल के अध्यापक हैं. खबर चलने के बाद भीम सीबीईओ अनिल कुमार अपनी टीम के साथ लाखा गुड़ा विद्यालय पहुंचे. जहां पर अध्यापक से बातचीत की गई.

2 किताबों के 300 रुपए लिए गए

बातचीत में यह भी बताया गया कि वह किसी अन्य रिश्तेदार के नाम से चल रही है. पूरी जांच-पड़ताल के बाद अनिल कुमार शर्मा ने जांच के निर्देश दिए हैं और जांच कमेटी का गठन करते हुए लाखा गुड़ा विद्यालय के पुस्तकालय कक्ष पर नोटिस चस्पा कर दिया है, फिलहाल इस पूरे मामले की जांच की जा रही है.

जानकारी मिलने पर मीडिया ने मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए

 मामला उजागर होते ही अभिभावक और स्थानीय लोगों का कहना है कि विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते निजी विद्यालय संचालकों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं. बता दें कि दौलपुरा पीपी गांव में संचालित टैरसा इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में स्कूल के संचालक द्वारा कहीं से सेटिंग कर सरकारी विद्यालय की किताबें जमा करते हुए वहां पढ़ रहे छात्र छत्राओं को उपलब्ध करवाई गई और उसकी रकम भी वसूली गई.

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जिसकी जानकारी मिलने पर मीडिया ने मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए. इसकी जानकारी जब स्कूल में कार्यरत शिक्षिकाओं द्वारा संचालक को दी गई तो आनन-फानन में अगले ही दिन बच्चों से सभी सरकारी विद्यालय की बांटी हुई पुस्तकें वापस लेकर बच्चों को समझाया बुझाया. अधिकारी मौके पर पहुंचे तो वहां एक बालिका की दोनों पुस्तकें जिस पर सरकारी स्कूल की निशुल्क वितरण की छाप लगी हुई थी एक किताब पर छाप को मारकर द्वारा हटाया गया, और दूसरी पर छाप लगी हुई थी. इस प्रकार सरकारी विद्यालय से मिली तीन किताबें वहां पाई गई. मौके पर जांच अधिकारी कानसिंह रावत ने विद्यालय में पाई गई कुछ कमियों को भी उजागर किया.

 

 

 

 

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