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Rajsamand News: देवगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष शोभालाल रेगर निलंबित, पूरे मामले में जानें क्यों BJP हुई आक्रामक

यूडीएच निदेशक शर्मा की ओर से जारी आदेश में राजस्थान नगर पालिका अधिनियम-2009 की धारा 39 के अन्तर्गत प्राथमिक जांच में प्रथम दृष्ट्या दोषी पाए जाने पर पालिकाध्यक्ष शोभालाल रेगर को निलम्बित किया गया. पालिकाध्यक्ष रेगर पर अधिकारों से बाहर जाकर कर्मचारियों को नोटिस जारी करने और इससे नाराज सफाईकर्मियों के हड़ताल पर चले जाने का हवाला दिया है.

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Rajsamand News: देवगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष शोभालाल रेगर निलंबित, पूरे मामले में जानें क्यों BJP  हुई आक्रामक
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Devendra Sharma|Updated: Apr 23, 2023, 07:39 PM IST

 

Rajsamand News: जिले की देवगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष शोभालाल रेगर को राज्य सरकार ने पद के दुरुपयोग के आरोप में निलम्बित कर दिया है. स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक और विशिष्ट सचिव ह्रदेश कुमार शर्मा ने निलम्बन आदेश जारी किया. बता दें कि 13 जनवरी को उप निदेशक के सालाना निरीक्षण के दौरान चेयरमैन और अधिशासी अधिकारी के बीच पत्रावलियों को लेकर हुए विवाद का जिक्र किया. पालिकाध्यक्ष रेगर पर अधिकारों से बाहर जाकर कर्मचारियों को नोटिस जारी करने और इससे नाराज सफाईकर्मियों के हड़ताल पर चले जाने का हवाला दिया है.

चेयरमैन और अधिशासी अधिकारी के बीच विवाद

मामले में गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट आने पर रेगर को निलम्बित कर दिया गया. बता दें कि पालिकाध्यक्ष शोभालाल रेगर और अधिशासी अधिकारी कृष्णगोपाल माली के बीच लम्बे समय से विवाद चल रहा है. जानकारी के अनुसार यूडीएच निदेशक शर्मा की ओर से जारी आदेश में राजस्थान नगर पालिका अधिनियम-2009 की धारा 39 के अन्तर्गत प्राथमिक जांच में प्रथम दृष्ट्या दोषी पाए जाने पर पालिकाध्यक्ष शोभालाल रेगर को निलम्बित किया गया.

पत्रावली को लेकर हुआ था विवाद

बताया गया है कि राज्य सरकार ने उनके विरुद्ध न्यायिक जांच कराने का निर्णय भी लिया है. विभाग ने संयुक्त विधि परामर्शी को जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया है. उन्हें जांच पूर्ण पूरी कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं. संयुक्त विधि परामशी को ईओ की शिकायत, जांच रिपोर्ट की प्रमाणित कॉपी, आरोप-पत्र, आरोप विवरण-पत्र, दस्तावेज और गवाहों की सूची, पालिकाध्यक्ष से मांगे गए स्पष्टीकरण नोटिस और जवाब की प्रमाणित कॉपी भी दी गई है.

बता दें कि पूर्व में देवगढ़ पालिकाध्यक्ष पर अधिशाषी अधिकारी कृष्णगोपाल माली के साथ अशोभनीय और अमर्यादित व्यवहार करने का आरोप लगा. अधिशासी अधिकारी ने चेयरमैन रेगर पर पत्रावली टेबल पर फेंकने, गाली-गलौज, आक्रोशित होकर शोर-शराबा करने और पत्रावली को मंजूर करने का दबाव बनाने का आरोप लगाया तो वहीं नगर पालिका अध्यक्ष शोभालाल रेगर का कहना है कि ना तो उन्होंने अभद्रता की और ना ही उन्होंने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर कोई नोटिस जारी किया.

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उन्होंने अपने निलंबन को राजनीतिक द्वेषता बताया और कहा कि वह इसके खिलाफ कोर्ट में जाएंगे. उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया में उनका पूरा भरोसा है और कानून से उन्हें जरूर इंसाफ मिलेगा. तो वहीं राजसमंद भाजपा इस मुद्दे को लेकर आक्रामक हो गई है और राजसमंद भाजपा जिलाध्यक्ष मानसिंह बारहठ ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है.

अध्यक्ष को निलंबित करने के बाद भाजपा हुई आक्रामक

उन्होंने कहा है कि गहलोत सरकार जब से प्रदेश की सत्ता में आई है उसकी कुर्सी कभी भी स्थिर नहीं रही, इस सरकार के अपने ही कुर्सी को हथियाने चाहते हैं जिसके कारण से प्रदेश में किसी भी वर्ग का कोई कार्य नहीं हो पाया है और अब जब चुनाव में कुछ महीने ही बाकी है. गहलोत सरकार को पता है उनकी सरकार वापस नहीं बन रही है तो अपने नुमाइंदों के कहने पर देवगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष जो भाजपा का बोर्ड होने के नाते नगर पालिका चेयरमैन शोभा लाल रेगर हैं, उनको बिना सूचना दिए व बिना सुनवाई के ही बर्खास्त कर दिया.

आदेश वापस लिया जाए नहीं तो भाजपा करेंगे आंदोलन

भाजपा जिलाध्यक्ष बारहठ ने आगे कहा कि लोकतंत्र में दोनों पक्षो को सुना जाता है लेकिन यहां पर एक पक्ष की सुनी गई है. बारहठ ने कहा कि गहलोत सरकार से मांग करते हैं कि तुरन्त प्रभाव से इस आदेश को वापस लेकर के नगर पालिका अध्यक्ष शोभालाल रेगर को बहाल किया जाए नहीं तो भाजपा राजसमन्द में उग्र आंदोलन करेगी.

 

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