trendingNow/india/rajasthan/rajasthan11861739
Home >>Rajsamand

Janmashtami 2023: विश्व के एकमात्र इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म पर 21 तोपों की दी गई सलामी

Janmashtami 2023: देशभर में जन्माष्टमी (Janmashtami 2023) का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. राजसमंद जिले में भी जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस पर्व के चलते भगवान श्रीकृष्ण के जन्म पर 21 तोपो की सलामी दी गई.

Advertisement
Janmashtami 2023: विश्व के एकमात्र इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म पर 21 तोपों की दी गई सलामी
Stop
Devendra Sharma|Updated: Sep 08, 2023, 04:52 PM IST

Janmashtami 2023: देशभर में जन्माष्टमी (Janmashtami 2023) का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. मंदिरों में देर रात तक भक्तों का तांता लगा रहा. बता दें कि राजसमंद जिले में भी जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस पर्व के चलते भगवान श्रीकृष्ण के जन्म पर 21 तोपो की सलामी दी गई.

श्रीकृष्ण के जन्म पर 21 तोपो की सलामी

बता दें कि विश्व के एकमात्र श्रीनाथजी मंदिर में यह परम्परा लगभग 351 वर्षों से निभाई जा रही है. बता दें कि नाथद्वारा स्थित रसाल चौक पर भगवान के जन्म के साथ ही दो तोपो को लगातार 21 बार चलाया जाता है. जिसके देखने के लिए हजारों की तादाद में भीड़ उमड़ती है तो वहीं सुरक्षा व्यवस्था के भी खास इंतजाम होते हैं. जिस वक्त इन तोपो को चलाया जाता है उस दौरान तोपो की आवाज से श्रीनाथजी की नगरी गूंज उठती है और तोपो की आवाज के अलावा कुछ नहीं सुनाई देता है.

आपको बता दें कि इस बार नाथद्वारा स्थित श्रीनाथजी मंदिर में गुजराती वैष्णवजन और पुष्टिमार्गीय वैष्णवजन की संख्या कम नजर आए जो कि एक चर्चा का विषय पूरे दिनभर बना रहा. ऐसे में नाथद्वारा आने वाले श्रद्धालुओं के साथ साथ यहां के व्यापारियों से भी बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस बार श्रद्धालुओं की संख्या बहुत कम रही है. इस दौरान मार्केट के ही एक व्यापारी ने बताया कि पिछली बार की तुलना में इस बार भीड़ बेहद कम है. उन्होंने बताया कि यहां पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव है.

ये भी पढ़ें- Jaipur: 31 तोपों की गर्जनाओं में जन्में भगवान कृष्ण, 425 लीटर दूध, 365 किलो दही से हुआ ठाकुरजी का अभिषेक

गुजरात से आने वाले गुजराती वैष्णवजन, पुष्टिमार्गीय वैष्णवजन इस पर्व पर 2 से 3 दिन पहले आ जाते थे लेकिन इस बार इनके कम आने से त्योहार फीका सा लगा है, तो वहीं आपको बता दें कि राजसमंद जिले में स्थित चारभुजा नाथजी मंदिर में द्वारिकाधीश मंदिर और श्रीनाथजी मंदिर से पहले यानि एक दिन पहले जन्माष्टमी पर्व मनाया गया. वहीं आज द्वारिकाधीश मंदिर और श्रीनाथजी मंदिर में नंदोत्सव भी बड़े ही धूमधाम से मनाया गया.

 

Read More
{}{}