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Rajasthan Politics : चिरंजीवी योजना छोड़ गहलोत ने मुंबई में करवाई सर्जरी? डॉक्टरों ने उठाए सवाल, तो पूर्व CM ने दिया ये जवाब

mukhyamantri chiranjeevi yojana, Rajasthan Politics : राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना छोड़ मुंबई में सर्जरी करवाने का मुद्दा गर्माने पर, गहलोत ने करारी प्रतिक्रिया दी है.  

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Shiv Govind Mishra|Updated: Jun 19, 2024, 04:49 PM IST

Rajasthan Politics, Ashok Gehlot : प्रदेश में एक सरकारी योजना के तहत लोगों को 25 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिल रही थी. गहलोत सरकार की इस योजना को निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने सदी की सबसे अव्यवहारिक, अलोकतांत्रिक और असफल योजना करार दिया है. एक डॉक्टर ने तो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की हर्निया सर्जरी मुंबई में कराने का उदाहरण भी दिया. उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना के तहत हर्निया के इलाज के लिए मात्र 17 हजार रुपए मिलते हैं, जो पर्याप्त नहीं हैं.

गहलोत ने दी प्रतिक्रिया 

बुधवार को दोपहर में गहलोत की प्रतिक्रिया भी सामने आई. निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना पर यह प्रतिक्रिया बजट पूर्व चर्चा में आई. मंगलवार, 18 जून को निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ बैठक हुई थी. इस बैठक में आगामी बजट को लेकर डॉक्टरों से सुझाव मांगे गए थे. इस बैठक में डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री से कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय लाई गई चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना पिछले 100 साल की सबसे अव्यवहारिक, अलोकतांत्रिक और असफल योजना थी. इस योजना से निजी अस्पतालों को भारी नुकसान हुआ और आम जनता को भी कोई विशेष लाभ नहीं मिला.

17 हजार निजी अस्पतालों के लिए पर्याप्त नहीं - डॉक्टर

राजस्थान डॉक्टर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सर्वेश शरण जोशी के नेतृत्व में चिकित्सकों का एक दल मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में पहुंचा. इस बैठक में डॉ. सर्वेश जोशी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपना हर्निया ऑपरेशन राजस्थान में कराने के बजाय मुंबई जाकर करवाया था. उन्होंने यह भी बताया कि चिरंजीवी योजना के तहत हर्निया के ऑपरेशन के लिए केवल 17 हजार रुपए मिलते हैं, जो निजी अस्पताल में ऑपरेशन के लिए पर्याप्त नहीं हैं. डॉ. जोशी ने यह भी कहा कि आम जनता को चिरंजीवी योजना का पूरा लाभ नहीं मिला, क्योंकि कई गंभीर बीमारियाँ जो आमतौर पर होती हैं, वे इस योजना में शामिल नहीं थीं.

 मेडिकल जैसे पवित्र पेशे को बचाना जरूरी- गहलोत

डॉक्टरों के इस बयान पर बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने लिखा, "कल बजट पूर्व चर्चा में किसी डॉक्टर द्वारा मेरे ऑपरेशन पर तथ्यात्मक रूप से गलत बयान मीडिया में आया है. मेरा हर्निया ऑपरेशन फरवरी 2019 में हुआ था, जबकि चिरंजीवी योजना मई 2021 में शुरू हुई थी." उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि निजी अस्पतालों के कुछ डॉक्टरों को असत्य बोलकर एक अच्छी योजना और मेडिकल जैसे पवित्र पेशे को बदनाम करने से बचना चाहिए.

निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने सुझाव दिया कि मुख्यमंत्री आयुष्मान योजना (जिसे पहले चिरंजीवी योजना के नाम से जाना जाता था) में निजी अस्पतालों की देय राशि में बढ़ोतरी की जाए. डॉक्टरों का कहना है कि उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सेवाएं तभी संभव हैं जब योजना के तहत उचित राशि प्रदान की जाए. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि कई सामान्य बीमारियां, जो अब तक मुख्यमंत्री आयुष्मान योजना में शामिल नहीं हैं, उन्हें भी इसमें जोड़ा जाना चाहिए. डॉक्टरों का मानना है कि आमतौर पर होने वाली सभी बीमारियों को इस योजना में शामिल करना चाहिए ताकि प्रदेश के हर नागरिक को सरकार की योजना का लाभ मिल सके.

क्या है मुख्यमंत्री आयुष्मान योजना?

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की थी, जिसके तहत पहले 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज किया जाता था. बाद में इस राशि को बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दिया गया. प्रदेश में सरकार बदलने के बाद चिरंजीवी योजना को बंद नहीं किया गया, बल्कि इसका नाम बदलकर मुख्यमंत्री आयुष्मान योजना कर दिया गया, जिसके तहत 10 लाख रुपए तक का इलाज कवर होता है.

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