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Rajasthan- मोदी की गारंटी पर लगी मुहर, 450 रूपए में भजनलाल सरकार जनता को देगी सिलेंडर

 Rajasthan: राजस्थान में भजनलाल सरकार ने  नए साल पर बड़ी तोहफा प्रदेश के 70 लाख गरीब परिवारों को दिया है.  1 जनवरी से उन्हें 450 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर  मिलेगा. इस वादे को भाजपा ने घोषणा पत्र में विधानसभा चुनाव के दौरान शामिल किया हुआ था.

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Deepak Goyal|Updated: Dec 28, 2023, 09:54 PM IST

 Rajasthan: नया साल गरीब परिवारों की महिलाओं के लिए खुशियां लेकर आएगा. उज्जवला और बीपीएल गैस कनेक्शनधारियों को अब रसोई गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना के तहत 450 रूपए में सिलेंडर मिलेगा. गहलोत सरकार में 500 रूपए और अब राज बदलने के बाद राजस्थान में भाजपा की भजनलाल सरकार उज्जवला और बीपीएल गैस कनेक्शनधारियों को 1 जनवरी से 450 रूपए में सिलेंडर देना शुरू कर देगी. विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने इसे अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था, जिसे बाद में सरकार ने अपने 100 दिवस के संकल्प पत्र में भी शामिल किया है.

70 लाख से ज्यादा गरीब परिवारों को होगा लाभ

राजस्थान में प्रदेश में 70 लाख से ज्यादा गरीब परिवारों को नए साल 1 जनवरी 2024 से 450 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर दिया जाएगा. राज्य सरकार के आदेश के बाद इसे अमलीजामा पहनाने की शुरुआत हो गई. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने टोंक में एक कार्यक्रम में इसका ऐलान भी कर दिया है. योजना का लाभ लेने के लिए संकल्प शिविरों में ही रजिस्ट्रेशन कराना होगा. सब्सिडी खातों में ट्रांसफर की जाएगी. एक साल में 12 सिलेंडर ही मिलेंगे. राज्य सरकार ने इंदिरा गांधी गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना का नाम बदलकर अब रसोई गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना कर दिया है. 

बीजेपी के घोषणा पत्र में थी शामिल

विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने इसे अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था. इस योजना के तहत प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना और चयनित बीपीएल परिवार को गैस सिलेण्डर निर्धारित राशि जमा कर गैस एजेंसी से डिलीवरी प्राप्त करने पर 450 रुपये से अधिक भुगतान की गई अन्तर राशि परिवार के मुखिया के जनाधार कार्ड से लिंक बैंक खाते में राज्य सरकार द्वारा जमा करायी जाएगी.

भारत संकल्प यात्रा शिविरों में होगा रजिस्ट्रेशन

 योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए प्रत्येक उपभोक्ता को एलपीजी आईडी और जनाधार के साथ विकसित भारत संकल्प यात्रा शिविरों में पंजीयन कराना होगा. वर्तमान में रूपये 500 में उपलब्ध कराया जा रहा गैस सिलेण्डर अब नयी योजना के तहत रूपये 450 में दिया जायेगा. राज्य सरकार के इस ऐलान के बाद राज्य के वित्तीष कोष पर हर महीने 50 से 52 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा. यानि की करीब 626.40 करोड़ रुपये का वार्षिक भार आयेगा.

उज्जवला कनेक्शनधारियों को 300 रुपए की रिबेट

 वर्तमान में तेल-गैस कंपनियां 14.2 किलोग्राम का रसोई गैस सिलेण्डर 906 रुपए में उपलब्ध करवा रही हैं. केन्द्र सरकार की ओर से उज्जवला कनेक्शनधारियों को 300 रुपए की रिबेट या कहे सब्सिडी दी जाती है. राज्य में वर्तमान में 70 लाख उज्जवला और बीपीएल कनेक्शनधारी हैं. इसमें करीब 66 लाख उज्जवला के हैं. जबकि 3.96 लाख बीपीएल कनेक्शनधारी हैं.

 केन्द्र सरकार की ओर से उज्जवला कनेक्शनधारियों को 300 रूपए सब्सिडी देने के बाद राज्य सरकार को 156 रुपए सब्सिडी अलग से देनी पड़ेगी. इसी तरह बीपीएल गैस कनेक्शधारियों को केंद्र सरकार की ओर से कोई सब्सिडी नहीं मिलती है इसलिए 456 रूपए सब्सिडी का पैसा राज्य सरकार को ही वहन करना पडेगा. 

30 लाख सिलेंडर हर माह होंगे रिफिल

राज्य में वर्तमान में इन कनेक्शनधारियों की तरफ से 30 लाख सिलेंडर हर माह रिफिल करवाए जा रहे हैं. योजना के तहत महीने में अधिकतम एक सिलेंडर ही इस राशि में मिलेगा. इसके लिए उपभोक्ताओं को पहले सिलेंडर की पूरी कीमत का भुगतान करना होगा. इसके बाद 450 रुपए सिलेंडर के हिसाब से बाकी की राशि उपभोक्ता के बैंक खाते में डाल दी जाएगी. इस बीच यदि सिलेंडर की कीमत में किसी भी तरह का बदलाव हुआ तो प्रतिपूर्ति की राशि उसी अनुपात में हो जाएगी.

गौरतलब हैं कि इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने इन कनेक्शनधारियों को 500 रुपए में सिलेण्डर देने की शुरूआत की थी, जो एक अप्रैल 2023 से लागू हुई थी,  लेकिन अब भजनलाल सरकार इस सिलैंडर को 50 रुपए और सस्ता करने जा रही है. इसकी शुरूआत एक जनवरी से की जा सकती है.

भाजपा ने 450 रुपए में सिलेंडर देने का ऐलान किया है और इसको प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से जोड़ने का घोषणा पत्र और संकल्प पत्र में शामिल किया है. नए आवेदन आना शुरू हो गए हैं, और योजना में जुड़े उपभोक्ताओं को 450 रुपए में घरेलू गैस सिलेंडर देने का वादा किया गया है.

 इसके बावजूद, उज्ज्वला योजना में आवेदन करने वालों की भीड उमड़ रही है. यहां तक कि केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय के आदेश के अनुसार  आवेदन करने वालों की जांच के लिए जिलास्तरीय जांच कमेटी बनाई गई है, जो आवेदन करने वाले व्यक्ति और उनके परिवार की जांच करेगी.

 इसके बाद, लाभार्थियों को जांच के बाद ही योजना में जोड़ा जाएगा. इसके साथ ही, गैस एजेंसियों पर भीड उमड़ रही है.  कमेटी का अध्यक्ष कलेक्टर को बनाया गया है जिन्हें बायोमेट्रिक मशीन के जरिए फिंगरप्रिंट या आंखों की स्कैनिंग के लिए तैयार किया जा रहा है. इस उपाय से सब्सिडी सुनिश्चित होगी और एक से अधिक कनेक्शन होने पर भी सब्सिडी मिलेगी. इससे न केवल लाभार्थियों को योजना का लाभ होगा, बल्कि पर्यावरण में भी सुधार होगा.

बहरहाल, महिलाओं को खाना बनाते समय पैदा होने वाले धुएं से मुक्ति दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में उज्ज्वला योजना शुरू की थी.इसके तहत महिलाओं को मुफ्त में LPG कनेक्शन दिया गया था.साथ ही सरकार चूल्हा खरीदने और पहली बार LPG सिलेंडर को भरवाने में आने वाले खर्च को चुकाने के लिए लोन की सुविधा दी जाती है...
इस योजना के अधिकांश लाभार्थी गरीब हैं..ऐसे में सब्सिडी ना मिलने की समस्या और गैस सिलेंडर की कीमत ज्यादा होने के कारण लाभार्थी सिलेंडर रिफिल कराने से परहेज कर रहे थे.लाभार्थी खाना बनाने के लिए गैस के स्थान पर फिर से पारंपरिक ईंधन जैसे गोबर के उपले और लकड़ी का इस्तेमाल करने लगे ...लेकिन अब फिर से गैस सिलेण्डर काम में लिये जाने से जहां गरीब परिवार की महिलाओं को धुंएं से मुक्ति मिलेगी, पर्यावरण में सुधार होगा वहीं उनकी रसोई खर्च का भार भी कम होगा.

 

 

 

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