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Nagaur News: 2000 मकानों पर चलना था पीला पंजा, पुलिस जाब्ता नहीं पहुंचा तो रूक गई कार्रवाई

Nagaur News: राजस्थान के नागौर के गुडला तिराहे क्षेत्र में आज सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम को खाली हाथ ही लौटना पड़ा. दरअसल, पुलिस का जाब्ता मौके पर नहीं पहुंचा, तो प्रशासन को बिना कार्रवाई के ही वापस लौटना पड़ा. 

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Damodar Inaniya|Updated: May 17, 2024, 08:05 PM IST

Rajasthan News: नागौर के गुडला तिराहे क्षेत्र में प्रतिबंधित सरकारी जमीन पर लंबे समय से हो रहे अवैध रूप से अतिक्रमण को हटाने आज तहसील प्रशासन मौके पर पहुंचा, लेकिन प्रशासन को वहां से बैरंग ही लौटना पड़ा. दरअसल, जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित, एसपी नारायण तोगस, एडीएम चंपालाल जिनघर और तहसीलदार हरदीप सिंह ने अभी हाल ही के दिनों में राज्य सरकार के आदेश पर एक बैठक कलेक्ट्रेट में आयोजित हुई थी, जिसमें जिला कलेक्टर ने गुडला रोड़ स्थिति खसरा नंबर 451 अंगोर भूमि पर हुए भूमाफियो के द्वारा अतिक्रमण को हटाने का निर्णय लिया गया था, जिसमें उपखंड अधिकारी के आदेश की पत्रवाली सोशल मीडिया पर दो दिन पहले ही वायरल होने पर नागौर में हड़कंप मच गया था. 

अंगोर भूमि पर करीब 2000 से ज्यादा मकान
दरअसल, पत्रावली वायरल होने के चलते अंगोर भूमि पर अतिक्रमण करने वालों में हड़कंप मच गया था और उसके बाद इस पूरे मामले में राजनीतिक दबाव देखने को मिल रहा था. इस अंगोर भूमि पर अभी करीब 2 हजार से ज्यादा मकान बन गए है और यह सभी कच्चे पक्के मकान है. हालांकि, तहसील प्रशासन ने आज आवासीय मकान तोड़ने से मना कर दिया था. कहा था कि हम केवल तारबंदी या चारदीवारी वाले अतिक्रमण तोड़ेंगे. 

टीम पहुंची लेकिन पुलिस जाब्ता नहीं मिला
वहीं, तहसील प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच अतिक्रमण हटाने के लिए गई थी, जिसमें तहसीलदार, नायब तहसीलदार, तीन निरीक्षक भू अभिलेख, 14 पटवारी, नगर परिषद की टीम, 2 जेसीबी, 2 ट्रक नगर परिषद के और नगर परिषद की पूरी टीम मौके पर अतिक्रमण हटाने पहुंच गई थी, लेकिन पुलिस जाब्ता मुहैया नहीं होने के कारण आज अतिक्रमण पर कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में प्रशासन की टीम ने बताया कि पुलिस जाब्ते की मौजूदगी में ही अतिक्रमण हटाए जाने का कार्य किया जाएगा. 

भू माफिया सरकारी भूमि को बेचने का चला रहे है गोरखधंधा
इस पूरे मामले में जानकारी यह भी सामने आई है कि भू माफिया 100 रूपये के स्टाम्प पर सरकारी भूमि को बेचने का गोरख धंधा बड़े आसान तरीके से चला रहे हैं. इस भूमि पर करीब 2000 से ज्यादा कच्चे पक्के मकान बन गए और यहां पर लाइट पानी सड़क और सीवरेज जैसे कनेक्शन भी जिला प्रशासन की ओर से मुहैया करवा दिए गए हैं. एक तरफ प्रशासन इसे अंगोर भूमि बता रहा है, तो दूसरी तरफ प्रशासन इन्हें अच्छी खासी सुविधा भी प्रदान कर रहा है. ऐसे में प्रशासन पर भी अब सवालिया निशान लगने लगे हैं. 

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