trendingNow/india/rajasthan/rajasthan11664550
Home >>nagaur

राजस्थान: जानिए क्या है किसानों की हळोतियां परम्परा, अक्षया तृतीया पर आज भी कायम

नागौर न्यूज: अक्षया तृतीया यानी आखातीज पर धरतीपुत्रों की हळोतियां परम्परा आज भी कायम है. यहां जानिए कि किसानों की हळोतियां परम्परा क्या है?हळोतियां के बाद कलेवा किया जाता है.  

Advertisement
राजस्थान: जानिए क्या है किसानों की हळोतियां परम्परा, अक्षया तृतीया पर आज भी कायम
Stop
Damodar Inaniya|Updated: Apr 23, 2023, 01:07 PM IST

Merta, Nagaur: भारत एक कृषि प्रधान देश होने के साथ देश की 70% जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती हैं. आजादी के समय खेती बैलों के पीछे हल लगाकर परंपरागत तौर तरीकों से की जाती थी लेकिन समय के साथ खेती के तौर तरीके भी बदल गए लेकिन मारवाड़ में अक्षया तृतीया यानी आखातीज पर धरतीपुत्रों की हळोतियां परम्परा आज भी कायम है. इस दिन किसान अपनी खेती का श्रीगणेश करते हैं.

देखा जाए तो ये किसान समुदाय के लिए यह सबसे बड़ा त्योहार है. इस दिन धरतीपुत्र अपनी आराध्या स्यावड़ माता से कामना करते है कि " हे स्यावड़ माता म्हाने हजार मण धान दीज्यो " साथ ही स्यावड़ माता (धरती मां) से पशु पक्षी जीव जंतु मानव के भरण पोषण हेतु कामना की जाती है.

हळोतियां के बाद कलेवा किया जाता है. इस दिन किसान खेत में नई जोत जलाकर खेती कार्यों को विविधत रुप से शुरू करते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में इस दिन को खेती बाड़ी के लिहाज से शुभ मांगलिक माना जाता है. परंपरागत खेती के साधन हल की विविधत पूजा अर्चना करते थे. वहीं आज वैज्ञानिक दौर में खेती के साधन टैक्टर के द्वारा अनाज की बुवाई शुरू करते हैं. देश में आज भी किसान को अन्नदाता के नाम से जाना जाता है. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने कहा था कि देश की समृद्धि और खुशहाली का रास्ता गांव और खेत से होकर गुजरता है.

यह भी पढ़ें : रायसिंहनगर: पाकिस्तान से आई 60 करोड़ की हेरोइन,लॉरेंस बिश्नोई गैंग के 3 तस्कर धरे

यह भी पढ़ें : जयपुर- अजमेर एक्सप्रेस हाईवे को टोल फ्री करने को लिए ग्रामीणों का विरोध, मांग नहीं मानने पर उग्र आदोलन की चेतावनी

यह भी पढ़ेंः REET Mains Level 1 & Level 2 Cut Off Marks: रीट मेंस लेवल 1 और लेवल 2 की अपडेट कट ऑफ लिस्ट जारी, यहां देखें सभी सब्जेक्ट्स के मार्क्स

 

Read More
{}{}