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Lok Sabha Election 2024:राजस्थान के इस सीट पर 35 सालों से रहा है भाजपा का दबदबा,क्या कांग्रेस इस बार तोड़ पाएगी रिकॉर्ड?

Lok Sabha Election 2024:राजस्थान के बारां-झालावाड़ लोकसभा क्षेत्र प्रदेश की राजनीति में चर्चित है क्योंकि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे इसी लोकसभा क्षेत्र से प्रतिनिधित्व करती आई, बाद में वे झालरापाटन से विधायक चुनती आ रही हैं.

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Rajasthan Lok Sabha Election 2024
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Ram Mehta|Updated: Apr 07, 2024, 02:34 PM IST

Lok Sabha Election 2024:राजस्थान के बारां-झालावाड़ लोकसभा क्षेत्र प्रदेश की राजनीति में चर्चित है क्योंकि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे इसी लोकसभा क्षेत्र से प्रतिनिधित्व करती आई, बाद में वे झालरापाटन से विधायक चुनती आ रही हैं. इसमें वे दो बार सीएम भी बनीं. 

इस सीट पर 1952 से अब तक हुए 17 चुनावों में 14 बार भाजपा तो केवल 3 बार कांग्रेस जीती. इस बार 15 साल बाद भाजपा के दुष्यन्त सिंह व कांग्रेस की उर्मिला जैन भाया में फिर मुकाबला होगा. भाजपा बड़ी जीत को लेकर आश्वस्त है तो विधानसभा चुनावों में हार के बाद से निराश कांग्रेस में जोश भरने को पूर्व मंत्री प्रमोद भाया चुनावी समर में कूद पड़े हैं. 

लोकसभा क्षेत्र की जनता में चुनावी उत्साह नहीं है और न अब तक चुनावी प्रचार का खास माहौल बना है, जो सरगर्मियां दिख रही हैं, वे केवल पार्टी स्तर पर ज्यादा है.बारां-झालावाड़ लोकसभा सीट पर दोनों जिलों में कुल 20 लाख 20 हजार से अधिक मतदाता हैं.

बारां-झालावाड़ लोकसभा सीट पर दोनों जिलों में कुल 20 लाख 20 हजार से अधिक मतदाता हैं.इनमें महिला मतदाताओं की संख्या 9 लाख 82 हजार 961 व पुरुष मतदाताओं की संख्या 10 लाख 37 हजार 831 है.

जिसमे बारां जिले में कुल 9 लाख 42 हजार आठ मतदाता हैं बारां जिलें मे सबसे अधिक वोट बैक धाकड़,नागर,किराड़,गुर्जर ओर मीणा है.इस सीट से चार बार विधायक सांसद दुष्यन्त सिंह का पहला चुनाव 2004 में था.

उन्होंने कांग्रेस के संजय गुर्जर को हराया था. 2009 में उर्मिला भाया चुनाव.थी तो 2014 में प्रमोद भाया, व 2019 में प्रमोद शर्मा से मुकाबला रहा. इन चारों चुनावों में 2009 के चुनावों में ही कड़ी टक्कर रही थी, तब उर्मिलाभाया केवल 52841 वोटों से हारी थीं.. 2014 में प्रमोद भाया 281586 वोटों से जबकि 2019 में प्रमोद शर्मा 453928 वोटों से हारे थे. पिछले आंकड़ों को देखते हुए ही कांग्रेस ने फिर से उर्मिला भाया को चुना है.

झालावाड़ की 8 विधानसभा सीटों में से खानपुर को छोड़कर शेष सातों सीटों पर भाजपा का परचम लहराया था. ऐसे में अब लोकसभा चुनावों में भाजपा के सामने बड़ी जीत की चुनौती है. इस सीट से अब तक के चुनावों में सबसे बड़ी जीत का रिकार्ड 2019 में दुष्यन्त की जीत के साथ बना था. 

तब वे 453928 वोटों से जीते थे. भाजपा ने अब पांचवी बार-पांच लाख पार का नारा दिया है, ऐसे में सभी सातों विधायकों, बारां-झालावाड़ के भाजपा जिलाध्यक्षों के अलावा स्वयं वसुंधरा राजे की भी प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है कि इन चुनावों में बड़ी जीत दर्ज कराई जाए.

बारां-झालावाड़ लोकसभा में 35 साल से एक ही परिवार का दबदबा है. वर्ष 1989 में वसुंधरा राजेयहां से सांसद का पहला चुनाव लड़ी थी और जीतीं. इसके बाद वे 1999 तक के चुनावों में लगातार पांच बार जीती. 2004 से उनके बेटे दुष्यन्त सिंह लगातार चार बार से सांसद हैं.ऐसे में सभी सातों विधायकों, बारां-झालावाड़ के भाजपा जिलाध्यक्षों के अलावा स्वयं वसुंधरा राजे की भी प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है कि इन चुनावों में बड़ी जीत दर्ज कराई जाए.

इस सीट के झालावाड़ जिले में जहां पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का ही पूरा वर्चस्व है और बारां जिले में भी उनका खासा वर्चस्व रहता आया है. तो बारां जिला कांग्रेस में पिछले कई सालों से प्रमोद भाया का ही दबदबा रहा है. दोनों जिलों में ये दो ही बड़े चेहरे हैं लेकिन गत विधानसभा चुनावों में खुद भाया समेत जिले की चारों सीटें हारने के बाद कांग्रेस खेमे में जोश उतार पर आ गया. विरोधियों ने भाया व उनके सिपहसालारों को भी घेरने की कोशिशें की है.

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