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Kota: भारतीय किसान संघ का वनविहार कार्यक्रम सम्पन्न, किसानों की समस्याओं पर हुई चर्चा

भारतीय किसान संघ का तहसील स्तरीय वन विहार कार्यक्रम गौण कृषि उपजमंडी में संपन्न हुआ. कार्यक्रम में प्रदेश, जिला तहसील स्तरीय पदाधिकारियों ने संगठन में किसानों के जुड़ाव के साथ ही समस्याओं के निस्तारण को लेकर किसानों को एकजुटता का संदेश दिया. 

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वनविहार कार्यक्रम सम्पन्न
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Himanshu Mittal|Updated: Aug 01, 2022, 12:21 PM IST

Sangod: भारतीय किसान संघ का तहसील स्तरीय वन विहार कार्यक्रम गौण कृषि उपजमंडी में संपन्न हुआ. कार्यक्रम में प्रदेश, जिला तहसील स्तरीय पदाधिकारियों ने संगठन में किसानों के जुड़ाव के साथ ही समस्याओं के निस्तारण को लेकर किसानों को एकजुटता का संदेश दिया. 

प्रदेश कोषाध्यक्ष शिवराज पुरी ने कहा कि उद्योगपति करोड़ों-अरबों का ऋण लेता है और देश छोड़ देता है लेकिन होता कुछ नहीं. किसान को उसकी जमीन के मूल्य का बीस फीसदी भी ऋण नहीं मिलता लेकिन उस पर कार्रवाई होती है. किसान ऋण लेता है तो ईमानदारी से उसको चुकाता भी करता है. बैंकों और देश का पैसा डूब रहा है, उद्योगपतियों के कारण लेकिन उसकी भरपाई होती है किसानों से. 

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कार्यक्रम में प्रांतीय अध्यक्ष शंकर लाल नागर, प्रांतीय संगठन मंत्री परमानंद, संभागीय उपाध्यक्ष रमेशचंद नागर, प्रदेश कोषाध्यक्ष गिरिराज चौधरी, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मोहन लाल नागर, जिलाध्यक्ष गिरिराज चौधरी, कोषाध्यक्ष रूपनारायण, प्रचार प्रमुख प्रभूदयाल नागर, लालचंद शर्मा, मोहन लाल पोटर, तहसील अध्यक्ष योगेन्द्र मेहता, महामंत्री हरीश नागर, जिला बीज प्रमुख जोधराज नागर, ललित सुमन, नगर अध्यक्ष प्रकाश नागर आदि ने संबोधित किया है.

किसान स्वंय एक वैज्ञानिक
प्रदेश मंत्री जगदीश कलमंडा ने कहा कि हिंदुस्तान की पहचान यहां के वैज्ञानिक, मजदूर और किसान है. नए भारत की परिकल्पना को साकार करने में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है. किसान भी स्वयं एक व्यावहारिक वैज्ञानिक है. स्वयं खेती के नए तरीके इजाद करता है और स्वयं खेती करता है. कमी है तो इसमें सुधार भी स्वयं करता है. खेती में नुकसान से उभरने के लिए जरूरी है कि किसान खेती में नवाचारों को अपनाकर काम करें.

इन पर भी हुई चर्चा
कार्यक्रम में वक्ताओं ने गांवों में ग्राम समितियों के गठन पर जोर देते हुए समितियों के सक्रिय होने और हर गांव में पौधरोपण, प्रत्येक गांव में बलराम जयंती गोगा अष्टमी मनाने के साथ ही सितंबर माह में किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर आंदोलन के बारे में किसानों से चर्चा हुई है.

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