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भजनलाल शर्मा के मुख्यमंत्री बनते ही अफसरों ने गहलोत-धारीवाल को तहखाने में छुपाया!

बहुचर्चित कोटा रिवर फ्रंट को लेकर हर महीने विवादों का एक नया अध्याय जुड़ जाता है. पहले 1455 करोड़ के रिवर फ्रंट को लेकर बवाल मचा. फिर घड़ियाल सेंचुरी की जमीन के एक हिस्सा को लेकर विरोध जताया गया, इसके बाद रिवर फ्रंट पर लगी दुनिया की सबसे बड़ी घंटी को लेकर भी जमकर बवाल हुआ.

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भजनलाल शर्मा के मुख्यमंत्री बनते ही अफसरों ने गहलोत-धारीवाल को तहखाने में छुपाया!
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Anish Shekhar|Updated: Jan 17, 2024, 04:33 PM IST

Kota River Front: बहुचर्चित कोटा रिवर फ्रंट को लेकर हर महीने विवादों का एक नया अध्याय जुड़ जाता है. पहले 1455 करोड़ के रिवर फ्रंट को लेकर बवाल मचा. फिर घड़ियाल सेंचुरी की जमीन के एक हिस्सा को लेकर विरोध जताया गया, इसके बाद रिवर फ्रंट पर लगी दुनिया की सबसे बड़ी घंटी को लेकर भी जमकर बवाल हुआ. अब एक और विवाद इस रिवर फ्रंट से जुड़ गया है.

गहलोत-धारीवाल को तहखाने में छुपाया!

दरअसल विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेता और पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने जमकर रिवर फ्रंट के बहाने यूडीएच मंत्री रहे शांति धारीवाल को घेरा. अब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की मूर्ति बनवाने और कोटा रिवर फ्रंट पर लगाने की बात सामने आई है. हालांकि बताया जा रहा है कि राजस्थान में सत्ता परिवर्तन होने के साथ ही इन मूर्तियों को तहखाना में छुपा दिया गया. वर्तमान में यह मूर्तियां संग्रहालय के तहखाना में रखी गई है.

पूर्व विधायक का बड़ा आरोप

इस नए विवाद को लेकर पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजन का कहना है कि जनता की धन की बर्बादी की गई है. पूर्व मंत्री शांति धारीवाल के निर्देश पर अनियोजित विकास करने वाले सभी अधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए. उनका कहना है कि अपने को अजर-अमर करने के लिए इस तरह के काम किए गए हैं.

वहीं सरकार बदलने के साथ ही अब अधिकारियों का रुख भी बदल गया है. अब अधिकारियों को समझ नहीं आ रहा कि इन मूर्तियों का क्या किया जाए. UIT से जुड़े यह अधिकारी अब भी इसी विभाग में तैनात है और इस मूर्ति को छुपाने में जुटे हुए हैं, ताकि इसकी जांच की आंच से बचा जा सके. इसे रिवर फ्रंट पर बने संग्रहालय में ही छुपा के रखा गया है. जहां किसी को आने जाने की अनुमति नहीं है. वहीं नगर विकास न्यास के सचिव मानसिंह मीणा के अनुसार यह मूर्तियां यूआईटी ने तैयार की थी, इनको बनाने की क्या मंशा थी? इस संबंध में जानकारी ली जाएगी. वहीं अगर सरकार इस मामले में जांच के आदेश देती है तो इसके जांच भी किए जाएंगे.

कैसी है मूर्तियां

जानकारी के अनुसार तीन तरह की मूर्तियां बनाई गई है. पहली मूर्ति में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ मंत्री रहे शांति धारीवाल बैठे हुए हैं. जबकि दूसरे मूर्ति में रिवर फ्रंट के आर्किटेक्ट अनूप बरतरिया मंत्री को नक्शा समझ रहे हैं, जबकि तीसरी मूर्ति में चार लोग खड़े हुए हैं जिनमें एक खुद आर्किटेक्ट अनूप बरतरिया, अशोक गहलोत, शांति धारीवाल और यूआईटी के सलाहकार मीना है.

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